
बाबा रामदेव के बाद अब ग्लेनमार्क कंपनी पर भी कोविड की दवा के साथ हेरफेर करने के आरोप लगे हैं। ग्लेनमार्क ने हाल ही में एक दवा निकाली थी। जिसको वो फेबीफ्लू के नाम से बेच रही है। कंपनी पर एक सांसद ने आरोप लगाया है कि उसने दवा की कीमत बहुत ही ज्य़ादा रखी है जोकि आम आदमी के बस से बाहर है। साथ ही उनसे इस दवा को लेकर जैसा दावा किया जा रहा है। वो सच नहीं है।
वेबसाइट द प्रिंट के मुताबिक एक सांसद ने इसको लेकर ड्रग कंट्रोलर जरनल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई। को एक पत्र लिखा है कि क्लीनिकल ट्रायल्स को लेकर कंपनी ने जो दावा किया है वो सीटीआरआई की वेबसाइट में अलग है। जबकि कंपनी दवा बेचने के समय दावा कर रही है। वो भ्रम फैला रहा है। कंपनी ने भारत में अप्रैल और मई के बीच में 150 कोरोना संक्रमितों पर ये ट्रायल किया था। लेकिन संक्रमित मरीजों पर मोनोथैरेपी के तौर पर ये दवा इस्तेमाल नहीं की गई। इसका मतलब ये हुआ कि संक्रमित मरीज को ठीक करने के लिए अन्य दवाएं भी दी गई। जबकि दूसरी ओर कंपनी ने दावा किया है कि माइल्ड कोविड संक्रमण में ये दवा इफेक्टिव है। जोकि पूरी तरह से सही नहीं है।