
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 टेस्टिंग को लेकर शनिवार को अपने दिशा-निर्देश में बदलाव किए हैं।
अब बिना डॉक्टर के पर्चे के भी ऑन-डिमांड परीक्षण किया जा सकेगा। ऐसे व्यक्ति जो परीक्षण करवाना चाहते हैं या जो यात्रा कर रहे हैं वे ‘ऑन-डिमांड’ परीक्षण करवा सकते हैं।
राज्यों को अपने विवेकाधिकार के आधार पर इस निर्देश में संशोधन करने की अनुमति भी दी गई है।
निर्देश में बोला गया है कि कंटेनमेंट जोन में रह रहे 100 फीसदी लोगों की रैपिड एंटीजन जांच की जानी चाहिए, खासतौर पर उन शहरों में जहां बड़े पैमाने पर संक्रमण फैला है।
आईसीएमआर ने जोर दिया कि जांच नहीं होने के आधार पर आपात सेवा में देरी नहीं जानी चाहिए और गर्भवती महिला को जांच की सुविधा नहीं होने के आधार पर रेफर नहीं किया जाना चाहिए।
एडवाइजरी के मुताबिक दूसरे देशों और भारतीय राज्यों की यात्रा करने के संबंध में प्रवेश के लिए यात्रियों को नकारात्मक टेस्ट होना चाहिए
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, सर्जिकल या गैर-सर्जिकल प्रक्रियाओं के तहत आने वाले सभी रोगियों का परीक्षण सप्ताह में एक ही बार किया जा सकता है।
आईसीएमआर ने कहा कि आरटी-पीसीआर/ट्रूनेट/सीबीनैट की एक ही जांच संक्रमण की पुष्टि के लिए होनी चाहिए।
कोविड-19 मरीज को देखभाल केंद्र और अस्पताल से छुट्टी दिए जाने बाद दोबारा जांच की जरूरत नहीं है।
आईसीएमआर के मुताबिक रैपिड एंटीजन जांच की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद लक्षण सामने आते हैं तो दोबारा रैपिड एंटीजन जांच या आरटी-पीसीआर जांच की जानी चाहिए।