अभय चौटाला ने भी राइट टू रिकाल बिल की वकालत की…

अभय चौटाला ने भी राइट टू रिकाल बिल की वकालत की…
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सरपंचों और पंचायत प्रतिनिधियों के लिए राइट टू रिकाल (पंचायत प्रतिनिधियों को एक साल के कार्यकाल के बाद वापस बुलाने संबंधी) बिल पर हरियाणा में बवाल मच गया है। प्रदेश में लगभग सभी विपक्षी पार्टियों ने इस बिल का विरोध किया है। कांग्रेस के अलावा इनेलो ने भी सिर्फ पंचायतों पर इस बिल के लाने पर सवाल उठाए हैं। विपक्ष के नेता रह चुके इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने अपने भतीजे और हरियाणा के उपमुख्‍यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधा है। अभय ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री के नाते दुष्यंत चौटाला द्वारा लाए जाने वाले राइट टू रिकाल (पंचायत प्रतिनिधियों को एक साल के कार्यकाल के बाद वापस बुलाने संबंधी) बिल पर सवाल उठाए हैं।  
अभय ने कहा कि यह सिर्फ छलावा है और राइट टू रिकाल बिल से तात्पर्य सरपंचों के प्रति अविश्वास प्रस्ताव लाने से है। यदि सरकार वास्तव में ईमानदारी से राइट टू रिकाल कानून बनाना चाहती है तो इसे विधायकों, सांसदों और मंत्रियों पर भी लागू किया जाना चाहिए।इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला रविवार को चंडीगढ़ में मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस अवसर पर हरियाणा के पूर्व मुख्य संसदीय सचिव राजकुमार वाल्मीकि ने अभय चौटाला का दामन थामा। वाल्मीकि हुड्डा सरकार में सीपीएस रह चुके हैं तथा अंबाला से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।उन्‍हाेंने कहा कि राजकुमार वाल्मीकि को अंबाला से टिकट दिलाने के चक्कर में हुड्डा और सैलजा के बीच कई बार खटपट हो चुकी है। अभय ने संकेत दिए कि हरियाणा में दलित लीडरशिप की कमी है और कई दलित नेता एक पखवाड़े के भीतर इनेलो में शामिल होने जा रहे हैं। इनेलो ने हमेशा दलित समुदाय के लोगों को अपनी पार्टी में पूरा मान सम्मान दिया है।अभय ने शराब घोटाले में एसईटी की जांच रिपोर्ट पर डिप्टी सीएम और गृह मंत्री के अलग-अलग स्टैंड पर भी सवाल उठाए हैं। चौटाला ने कहा कि दुष्यंत अपने विभाग को क्लीन चिट दे रहे हैं, जबकि विज ने विजिलेंस जांच आरंभ करा दी है। इससे संदेश जाता है कि प्रदेश में सरकार नहीं बल्कि गिरोह काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य जनता को किसी भी तरह से लूटने का है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल को इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अन्यथा प्रदेश के लोग समझेंगे कि भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए काम हो रहा है।अभय चौटाला ने राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव के आरोपोंं की बाबत कहा कि यदि एसपी सुलोचना गजराज के प्रति लगाए गए उनके आरोप सही हैं तो कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। तबादला किसी समस्या का समाधान नहीं होता। यदि एसपी का कसूर नहीं है तो फिर मंत्री को बर्खास्त किया जाए। मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि वह सच को जनता के सामने लाएं।

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