
नई दिल्ली: राजस्थान में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने शुक्रवार को वॉयस वोट के जरिए राज्य विधानसभा में फ्लोर टेस्ट जीता, लेकिन सत्ताधारी दल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व डिप्टी और बागी नेता सचिन पायलट के बीच मतभेद बने हुए है। इसकी एक बानगी दोनों नेताओं की ओर से एक दूसरे पर सीधी नहीं तो इशारों इशारों में देखने को मिली।
पायलट कह चुके है कि वह अपने महीने भर के विद्रोह के दौरान भाजपा के संपर्क में नहीं थे, लेकिन सीएम गहलोत ने अप्रत्यक्ष रूप से अपने भाषण में इस ओर इशारा किया।
गहलोत ने बीजेपी पर राजस्थान सरकार में दरार पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा,“हमारे नेताओं को लगता है कि वह साजिश में शामिल नहीं है। आपके सपने कभी पूरे नहीं होंगे। आपने डिप्टी सीएम का नाम दो बार लिया, आपने उसे उद्धृत किया यह साजिश आपकी, आपकी पार्टी की थी।
गहलोत ने आगे कहा, “मैं 50 साल से राजनीति में हूं। आपने (भाजपा) हमारी सरकार तोड़ने के खिलाफ साजिश रची। आप जिस तरह से बात कर रहे हैं उससे मैं आहत हूं। आपने कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा और मणिपुर में क्या किया? गहलोत ने विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र खतरे में है, इस पर आपको कोई चिंता नहीं है।
पायलट ने राज्य विधानसभा में अपनी सीट में बदलाव को लेकर मुख्यमंत्री पर एक अप्रत्यक्ष रूप से टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ”समय के साथ ही सच्चाई का पता चलेगा। जो कुछ कहना था सुनना था, हमें जिस डॉक्टर के पास अपने मर्ज को बताना था बता दिया. सदन में आज आएं हैं तो कहने-सुनने की बातों को छोड़ना होगा।”
पायलट ने आगे कहा, “आपने (विधानसभा अध्यक्ष) मेरी सीट में बदलाव किया. पहले जब मैं आगे बैठता था, सुरक्षित और सरकार का हिस्सा था. मैने सोचा मेरी सीट यहां क्यों रखी है. मैंने देखा कि यह सरहद है. सरहद पर उसे भेजा जाता है, जो सबसे मजबूत होता है।”
हालांकि, पायलट ने कहा कि पार्टी अब एकजुट हो गई थी और सभी 107 विधायक एक साथ है।
अविश्वास प्रस्ताव जीतने के साथ गहलोत सरकार कम से कम छह महीने तक सुरक्षित है। अधिवेशन के अनुसार विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के बाद छह महीने के लिए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है।
200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं। हालांकि, राजनीतिक संकट के दौरान पायलट और 18 अन्य विधायकों ने सरकार के कामकाज पर चिंता व्यक्त की थी। भाजपा के पास 72 विधायक हैं और तीन आरएलपी विधायकों का समर्थन भी है।