
पंजाब (Punjab) में 2022 में होने वाले विधानसभा (Assembly) चुनाव (Election) से पहले राजनीति के नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं।
दरअसल भाजपा वहां नए शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन करने की योजना बना रही है।
आपको बता दें कि यह नया शिरोमणि अकाली दल SAD (डेमोक्राटिक) पुराने अकाली दल से ही निकला है।
इस नए दल की अगुवाई पूर्व राज्यसभा (Rajyasabha) सांसद और अकाली दल में रहे वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढिंड्सा कर रहे हैं। ढिंड्सा के साथ उनके बेटे परमिंदर हैं जो कि अकाली दल सरकार में वित्त मंत्री रहे थे।
माना जाता है कि ढिंड्सा की अगुवाई वाले इस दल को भाजपा पीछे से सपोर्ट कर रही है और 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले दोनों दल एक दूसरे के साथ हाथ मिला सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर पुराने शिरोमणि अकाली दल (SAD) की पहले जैसी मजबूती नहीं रही है और वह भी नया पार्टनर तलाशने में जुटी हुई है और अकाली दल के बड़े नेताओं की बात सुने तो समझ में आता है कि प्रकाश सिंह बादल वाले इस दल का रुझान सबसे ज्यादा बहुजन समाज पार्टी की तरफ लग रहा है।
बहुजन समाज पार्टी (BSP) हालांकि पिछले कई चुनाव में कमजोर साबित हुई है लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में उसने कुछ बेहतर प्रदर्शन किया था।
राजनीति में तीसरा राजनीतिक समीकरण देखने को मिल सकता है।
यह राजनीतिक समीकरण बहुत ज्यादा संभव नहीं लग रहा लेकिन राजनीति में कुछ भी संभव होता है इसलिए इस लिहाज से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच में भी गठबंधन की चर्चाएं सुनने को मिलती रहती हैं।
हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह कई बार इस मुद्दे पर औपचारिक तौर पर खंडन कर चुके हैं लेकिन जिस तरीके से भाजपा ने खुद को खड़ा करने के लिए आगे बढ़ रही है उसको देखते हुए कॉन्ग्रेस में इस तरह की चर्चाओं को बल मिल रहा है।
भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के बीच गठबंधन 90 के दशक से चल रहा था। हालांकि बीते कई सालों से दोनों दलों के बीच काफी खटास देखने को मिल रही थी लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे अरुण जेटली ही दोनों दलों के बीच में मजबूत कड़ी माने जाते थे लेकिन उनके गुजर जाने के बाद दोनों दल का अलग होना तय हो गया था।
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