कार्तिक
लंदन : ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी जल्द ही कोरोना वैक्सीन की घोषणा कर सकती है। यूनिवर्सिटी ने एक रिसर्च पेपर में कहा है कि कोरोना वायरस का टीका प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर साबित हो सकता है। पत्रिका में छापे रिसर्च के अनुसार वैक्सीन का इंसानों पर किये गए पहले ट्रायल का नतीजा अच्छा रहा है. रिसर्च पेपर में बताया गया है कि इंसानों पर कोरोना वायरस वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 दिए जाने पर वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पायी गई. साथ ही सुरक्षित भी पाया गया. पहला ट्रायल सफल रहने पर इसे अगले चरण के ट्रायल के लिए फाइनल कर दिया गया है.
रिसर्च पेपर में कहा गया है कि टीका विशेष रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली के दोनों दोनों पक्षों को मजबूत कर देता है। एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने से जो परमाणु उत्पन्न होते हैं जो संक्रमण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं. इसके अलावा, इस टीका से शरीर की टी-कोशिकाओं में एक प्रतिक्रिया होती है जो कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करते हैं. ट्रायल में ब्रिटेन के लगभग 10,000 लोगों के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के प्रतिभागी शामिल हैं. ये परीक्षण अभी बड़े पैमाने पर जारी हैं.
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके प्रायोगिक कोरोना वायरस टीके ने शुरुआती परीक्षण में सैकड़ों लोगों में सुरक्षात्मक प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उत्पन्न की है, जिन्हें यह टीका लगाया गया था. ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने पहली बार अप्रैल में लगभग 1,000 लोगों में टीके का परीक्षण शुरू किया था, जिनमें से आधे लोगों को प्रायोगिक टीका लगाया गया था. इस तरह के शुरुआती परीक्षणों को आमतौर पर केवल सुरक्षा का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है, लेकिन इस मामले में विशेषज्ञ यह भी देखना चाह रहे थे कि इसकी किस तरह की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होगी.
‘लांसेट’ नामक पत्रिका में सोमवार को प्रकाशित शोध में, वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्होंने पाया कि उनके प्रायोगिक कोविड-19 टीके ने 18 से 55 वर्ष की आयु के लोगों में दोहरी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न की है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में जेनर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. एड्रियन हिल ने कहा, हम लगभग हर किसी में अच्छी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देख रहे हैं.
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