
राममंदिर का शिलान्यास अभिजीत महूर्त में किया गया है, ये महूर्त होता क्या है। ये ऐसा महूर्त माना जाता है। जिसमें कोई भी काम किया जाए तो वो सफल होता है। इस महूर्त में किया नया कारोबार, शिलान्यास, शादी विवाह या नई नौकरी ज्वाइंन करना बड़ा ही लाभदायक होता है। ये कहा जाता है कि इस महूर्त में किया गया कोई भी काम सफल होना तय है। इसी वजह से राममंदिर के भूमिपूजन का मुहूर्त भी इसी में रखा गया है।
पुरानी मान्यताओं के अनुसार रोज़ कुछ समय बहुत ही शुभ समय आता है। वो समय ही अभीजीत मुहूर्त होता है। इस समय कोई भी कार्य करने पर विजय प्राप्त होती है। आमतौर पर वर्ष के प्रत्येक दिन में 11.45 से 12.45 तक का समय अभिजीत मुहूर्त आमतौर पर होता हैं। प्रत्येक दिन का मध्य-भाग (अनुमान से 12 बजे) अभिजीत मुहूर्त कहलाता है, जो 12 के पहले और 12 बजे के बाद 2 घड़ी अर्थात 48 मिनट का होता है। दिन के आधे समय को स्थानीय सूर्योदय के समय में जोड़ दें तो मध्य काल स्पष्ट हो जाता है। इसमें 24 मिनट घटाने और 24 मिनट जोड़ने पर अभिजीत का प्रारंभ काल और समाप्ति काल काफी अच्छे से पता लग सकता है। राममंदिर का भूमिपूजन करते समय इस बात का ख़ास ख्याल रखा कि जो पूज़ा शुरू हो वो अभी अभिजीत मुहूर्त में सम्पन्न हों।