घाटे में फंस गई दिल्ली मेट्रो, कुछ और दिन नहीं चलाया तो हो जाएगी बर्बाद

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घाटे में फंस गई दिल्ली मेट्रो, कुछ और दिन नहीं चलाया तो हो जाएगी बर्बाद

मोटा मुनाफा करने वाली दिल्ली मेट्रो अब घाटे में फस गई है। कोरोना लॉकडाउन में बंद होने की वजह से अभी तक 1500 करोड रुपए से ज्यादा का घाटा हो गया है और सरकार का अनुमान है कि अगर कुछ और दिन मेट्रो को नहीं चलाया तो यह बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएगी और इसे दोबारा पटरी पर लाना और महंगा साबित होगा। लिहाजा सरकार के पास फिलहाल इसे दोबारा से चलाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं नजर आ रहा है लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से वह इस बात से परेशान है कि इसे 50 फीसदी क्षमता के साथ चलाया जाए या पूरी कैपेसिटी के साथ। दरअसल अगर 50 फीसदी क्षमता के साथ इसे चलाया जाता है तो मेट्रो को मुनाफा नहीं होगा और ऑपरेट करने का खर्चा भी आएगा। सरकार जल्द कुछ दिनों में इस मुद्दे पर फैसला लेने जा रही है। फिलहाल अपने नुकसान को कम करने के मकसद से दिल्ली मेट्रो ने अपने कर्मचारियों के भत्ते में 50 फ़ीसदी कटौती कर दी है।

आमदनी बन्द खर्चा लाखों में

दरअसल, डीएमआरसी अपने कर्मचारियों को मूल वेतन, महंगाई भत्ता के अलावा कई तरह के भत्ते का भुगतान करता रहा है। यह मूल वेतन का 31.50 फीसद है। मूल वेतन में तो कटौती नहीं हो सकती है। इसलिए डीएमआरसी ने इन भत्तों में कटौती की है। मेट्रो के मुनाफे के अनुसार डीएमआरसी कर्मचारियों को यह भुगतान करता है। मेट्रो का परिचालन बंद होने से डीएमआरसी को राजस्व नहीं मिल रहा है। इसलिए मेट्रो की कमाई बिल्कुल बंद है। इस वजह से डीएमआरसी ने आदेश जारी कर कहा है कि कर्मचारियों को मूल वेतन का 15.75 फीसद ही पर्क व भत्ते दिए जाएंगे। इसके अलावा कर्मचारियों को किसी तरह की अग्रिम राशि की भुगतान नहीं की जाएगी। जिन कर्मचारियों को पहले अग्रिम राशि की भुगतान के लिए स्वीकृति मिल चुकी है सिर्फ उन्हीं को इसका लाभ मिलेगा। डीएमआरसी ने कहा है कि अलगे आदेश तक यही व्यवस्था लागू रहेगी।

22 मार्च से बंद है सेवा

उल्लेखनीय है कि 22 मार्च से मेट्रो का परिचालन बंद है। इस कारण पिछले करीब पांच माह में दिल्ली मेट्रो को करीब 1500 करोड़ का नुकसान हो चुका है। डीएमआरसी ने जापान की एजेंसी से मेट्रो परियोजनाओं के लिए 35,198 करोड़ रुपये का भारी भरकम लोन लिया है। जिसे मेट्रो को 30 साल में चुकाना है। डीएमआरसी ने अब तक 3337 करोड़ लोन चुकाया हैं। जिसके बाद 31,861 करोड का लोन बकाया है। इस वित्त वर्ष में डीएमआरसी को 1,242.83 करोड़ का लोन भरना है लेकिन अब तक सिर्फ 79.19 करोड़ ही चुका पाया है। शेष 1163.64 करोड़ लोन इस वित्त वर्ष का बकाया है। डीएमआरसी लोन भुगतान के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगाई थी। जिसके बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से मदद मांगने की सलाह दी थी। बताया जा रहा है कि डीएमआरसी ने दिल्ली सरकार को फाइल भेजकर लोन चुकाने में मदद करने की मांग की है।
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