
चीन के साथ कई मुद्दों पर असहमति के बाद अब भारत ने चीन के साथ लंबी लड़ाई का मन बना लिया है। इसकी बानगी चारों मोर्चों पर दिखने लगी है। पहला भारत ने लद्दाख में सेना की अपनी तीन से चार डिवीजन लंबे समय के लिए स्थापित करने के संकेत दे दिए हैं। दूसरा चीन के साथ व्यापारिक संबंधों में भी ख़टास के बाद अब अमेरिका के साथ लंबे व्यापारिक संबंधों को स्थापित करने पर लगा हुआ है। तीसरा भारत और अमेरिका सैनिक साजोसामान और ट्रेनिंग को लेकर एक दूसरे के साथ बेहतर संबंधों की वकालत कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक भारत ने करीब 40 से 45 हज़ार सैनिकों को लद्दाख क्षेत्र में उतार दिया है। सेना की ये तीन डिविजन लंबे समय के लिए अब वहां रूकने के लिए तैयार हैं। चूंकि चीन ने एक विशेष जगह से अपने सैनिक अभी तक पीछे नहीं हटाएं है। साथ ही उसने अपने सैनिक स्ट्रक्चर भी नहीं हटाएं है। लिहाजा भारत ने भी इस पूरे इलाके में अपनी तोपों समेत बड़े हथियार तैनात कर दिए हैं।
सैनिकों के अलावा चीन के साथ पावर बैलेंस के लिए भारत के साथ अमेरिका कई तरह के सैन्य समझौते करने की बातचीत कर रहा है। ताकि किसी भी समय किसी भी तरह की मदद भारत को पहुंचाई जा सके। इसके साथ साथ चीन के साथ जो व्यापारिक संबंध खराब हुए हैं, उसकी बजाए अमेरिका के साथ आयात निर्यात भी बढ़ाने की बात हो रही है। वाणिज्य मंत्री पीयुष गोयल ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच जो व्यापारिक मुद्दे पिछले कई सालों से लटके हुए हैं। उनको तुरंत सुलझाने की दिशा में काम करना चाहिए और करीब 50 से 100 वस्तुओं पर फैसला लिया जाना चाहिए। चुंकि चीन से बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक आइटम भारत में आ रही थी। वो अब अमेरिकी कंपनियां भारत में भेज सकती है।
इसी तरह हिंदमहासागर में भारत अमेरिका के समुद्री बेड़े भी आपस में मिलकर अभ्यास करने की तैयारियों में भी लगे हुए हैं। इन सबसे बड़ा साफ है कि चीन को घेरने के लिए भारत ने पूरी तरह से कमर कस ली है।