
शिवसेना (Shivsena) बिहार के चुनावों (Bihar Elections) में हाथ आजमा रही है लेकिन यह खबर इतनी दिलचस्प नहीं है जितनी यह खबर है कि पार्टी उन मुद्दों को चुनाव में हथियार बना रही है जिन मुद्दों को लेकर वह कभी बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को मुंबई (Mumbai) में मारपीट कर भगाने पर आमादा थी।
यह ‘भूमिपुत्र’ का मुद्दा है। शिवसेना इस मुद्दे को लेकर आप बिहार में भाजपा (BJP) और जेडीयू (JDU) के खिलाफ ताल ठोक रही है।
शिवसेना की बिहार इकाई कह रही है कि भाजपा और जदयू की नीतियों की वजह से बिहार के लोगों को बाहर जाकर काम करना पड़ रहा है।
शिवसेना की बिहार इकाई राज्य की 243 विधानसभा सीटों में से 100 में चुनाव लड़ना चाहती है। इस पर अंतिम फैसला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (Chief Minister) और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे लेंगे।
शिवसेना की बिहार इकाई के प्रमुख कौशलेंद्र शर्मा ने बताया, ‘हमारे लोगों को काम की तलाश में मुंबई, दिल्ली और यहां तक कि कन्याकुमारी तक जाना पड़ता है। सरकार यह सुनिश्चित करने में पूरी तरह से विफल रही है कि हमारे राज्य में ही बिहारियों को गुणवत्तापूर्ण रोजगार उपलब्ध हैं। भाजपा केवल आत्मनिर्भर बिहार की बात करती है. उन्होंने जमीन पर कुछ नहीं किया है।’
बिहार में शिवसेना का ‘भूमिपुत्र’ एजेंडा
जिस दिन चुनाव आयोग ने बिहार के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा की, शिवसेना की बिहार इकाई ने एक कैप्शन के साथ चुनाव का विवरण ट्वीट किया, ‘भूमि पुत्रों के सम्मान में शिवसेना बिहार मैदान में.’
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