
हरेन्द्र नेगी
रूद्रपय्राग रेलवे प्रभावित नरकोटा के ग्रमीणों ने रोजगार की मांग को लेकर रेलवे परियोजना का कार्य सांकेतिक रूप से कुछ समय के लिए रोक दिया। और यह सकेंत भी दिया कि पूर्व में प्रभावित ग्रामीणों के साथ दिये गये रोजगार जैसे आश्वासन की अबहेलना करने पर ग्रामीणों द्धारा अपनी मांगों को लेकर समय समय पर मांग पूरी न होने पर धरना प्रर्दशन किया जायेगा। ग्रामीण बेरेाजगारों ने आरोप लगाया की एक ओर केंद्र व राज्य सरकार गावो को शसक्त करने का संकल्प ले रही है वही आरबीएनएल और कांट्रेक्टर्स प्रभवित गावो को बेरोजगारी की गर्त में धकेलने पर आमादा है।
सोमवार सुबह जिला मुख्यालय से सटी रेलवे प्रभावित ग्राम पँचायत नरकोटा के ग्रामीणों ने प्रधान चंद्रमोहन के नेतृत्व ने रेल परियोजना का कार्य सांकेतिक रूप से रोक दिया। ग्रमीणों का आरोप है कि रेल विकाश निगम के साथ जिलाधिकारी एवं विभिन्न प्रतिनिधियों के स्तर पर दो बार बैठके और वार्ता हुईए जिसमे आरबीएनएल को साफ आदेश दिए गए कि प्रभवित गावो के बेरोजगारों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जाय। जिस तरह का रोजगार करने में प्रभवित बेरोजगर है उन्हें उप्लब्ध कराया जायए परन्तु दो महीने में अभी तक मात्र 60 बेरोजगारों के सापेक्ष मात्र दो को ही रोजगार मिलाए जबकि ऐसे ऐसे कई रोजगार बाहरी ब्यक्तियो को दिए जा चुके है जो प्रभवित बेरोजगर करने में सक्षम है।
ग्राम प्रधान नरकोटा चन्द्रमोहन का कहना है कि कम्पनियां केवल दोहरा षड्यंत्र कर रही हैए जब जिला पंचायत अध्यक्ष और जिलाधिकारी के स्प्ष्ट आदेशो के बाद भी प्रभवित बेरोजगारों को रोजगार नही दिया जा रहा तो यह तानासाही हैए हमारी तरफ से बेरोजगारों की पूरी सूची आरबीएनएल को जा चुकी है लेकिन अभी तक मात्र इतिश्री ही हुई है। रोजगार है लेकिन क्यों नही दिया जा रहा इस को लेकर प्रभवितो में रोष है। कहा कि जल्द जिलाधिकारी से मिलकर वार्ता की जाएगी।
वही मौके पर आरबीएनएल के अधिकारी को स्प्ष्ट जवाब नही दे पाएए जब दो बार हुई वार्ताओं का हवाला दिया गया तो पल्लू झाड़ते नजर आए। इस मौके पर भारी संख्या में प्रभवित बेरोजगार मौजूद थे।