
हाथरस (Hathras) की दलित महिला के साथ दरिंदगी के बाद पुलिस ने एक और हैवानियत भरा काम किया है। टीवी चैनल आज तक की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने परिवार वालों की बिना मर्जी के आधी रात 2:00 बजे महिला के शव का अंतिम संस्कार कर दिया जबकि महिला के परिवार वाले पुलिस से और बड़े अधिकारियों से लगातार मांग कर रहे थे कि उनको अपनी बेटी का रीति रिवाज के साथ दाह संस्कार करने की इजाजत दी जाए लेकिन प्रशासन नहीं माना और पुलिस का घेरा बनाकर जबरन लड़की का दाह संस्कार कर डाला। हालांकि हाथरस डीएम के मुताबिक महिला के पिता और भाई ने अंतिम संस्कार के लिए सहमति दी थी।
परिवारजन 15 मिनट के लिए बेटी के आखिरी दर्शन कर लेने के लिए गिड़गिड़ाते रहे लेकिन पुलिस नहीं मानी।
टीवी चैनल आजतक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, पुलिस और प्रशासन ने लड़की के परिवार जनों को अंतिम संस्कार में शामिल होने तक नहीं दिया।
चैनल के मुताबिक लड़की की मां ने कहा कि हम अपनी बच्ची की विदाई करना चाहते हैं। हल्दी लगानी होती है। तभी आखिरी विदाई होती है दरवाजे से। पर पुलिसवालों ने अंतिम संस्कार के वक्त घेरा बना लिया। किसी को चिता के पास जाने तक नहीं दिया।
प्रशासन अब सफाई दे रहा है कि घरवालों के सहयोग से ही लड़की का अंतिम संस्कार किया गया है। डीएम के मुताबिक परिवारवालों ने दाह संस्कार के लिए सहमति दी थी। लड़की के पिता और भाई ने संस्कार के लिए सहमति दी थी। अंतिम संस्कार के समय परिवार के सदस्य भी मौजूद थे। इसलिए जो भी ये कह रहे हैं कि परिवार वालों की सहमति नहीं थी। वो झूठ बोल रहे हैं।
—