
भारत में हो सकता है कि जल्द ही कोरोना की वैक्सीन जल्द ही लांच हो जाए, क्योंकि देश में कोराना के खिलाफ वैक्सीन तैयार करने के लिए अपना कदम बढ़ा दिया है। देश के 3 संस्थानों में ह्यूमन ट्रायल की शुरुआत हो गई है। रोहतक स्थित पंडित भगवत दयाल शर्मा पीजीआईएमएस में आज 3 वालंटियर को वैक्सीन की ट्रायल डोज दी गई। डॉक्टरों की टीम ने 3 घंटे तक वॉलिंटियर को अपनी निगरानी में रखा और जब सब कुछ सही रहा तो उन्हें घर भेज दिया गया। अब 2 हफ्ते बाद दूसरी डोज इन वॉलिंटियर को दी जाएगी। डॉक्टरों को उम्मीद है कि अच्छे परिणाम सामने आएंगे और जल्दी कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने की वैक्सीन देश में आ जाएगी।
स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल शुरू होने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग अब निर्णायक दौर में है और वैक्सीन विकसित करने के प्रयासों के अब सकारात्मक संकेत मिलने लगे हैं। जल्द ही हम इस महामारी पर विजय पा लेंगे। दूसरी ओर
स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओपी कालरा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया की बड़ी खुशी की बात है कि रोहतक पीजीआई में आज से को वैक्सीन का ह्यूमेन ट्रायल शुरू हो गया है और पहले फेज में तीन वॉलिंटियर को 3 माइक्रोग्राम की डोज दी गई है। फिलहाल 10 वालंटियर का टेस्ट भी जांच के लिए भेजा गया है, अगर उनकी जांच सही पाई जाती है तो कल कुछ ओर वॉलिंटियर को डोज दी जाएंगी। डोज देने के बाद वॉलिंटियर को 3 घंटे तक डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया और जब सब कुछ सही रहा तो उसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 10 वॉलिंटियर को यह डोज दी जाएगी और 2 सप्ताह बाद इनको दूसरी डोज दी जाएगी और यह रिसर्च किया जाएगा कि कितनी एंटीबॉडी तैयार होती है।
डॉक्टर कालरा ने बताया कि यह ट्रायल दो फेज में होगा। कुल 1125 वॉलिंटियर इसके लिए इनरोल किए जाएंगे और जिन्हें डोज देने के बाद 1,3 व 6 महीने में यह जांच होगी कि कितनी एंटीबॉडीज तैयार होती है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि जिस तरह से एनिमल ट्रायल में परिणाम सही सामने आए हैं, ह्यूमेन ट्रायल में भी वैसे ही परिणाम सामने आएंगे और यह वैक्सीन कोरोनावायरस के खिलाफ कारगर साबित रहेगी। उन्होंने बताया कि ट्रायल 6 महीने में पूरा होगा, लेकिन 2 से 3 महीने में परिणाम आने शुरू हो जाएंगे। अगर यह वैक्सिंग चार गुना एंटीबॉडी बनाने में सार्थक साबित हुई तो ट्रायल सफल माना जाएगा। साथ ही उनका कहना है कि प्रोजेक्ट के अनुसार जो गाइडलाइन है उसी के मद्देनजर वालंटियर का इंश्योरेंस भी किया गया है। अगर कोई दिक्कत होती है तो उनका फ्री इलाज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी जो 3 वालंटियर को डोज दी गई है वह 30 से 40 साल की उम्र के हैं और यह वैक्सीन किल्ड वायरस से तैयार की गई है जो शरीर पर ज्यादा इफेक्ट नहीं डाल पाएगी।