
बाबा केदारनाथ की यात्रा बेशक बहुत ही कम हो रही हो, लेकिन केदारघाटी में देवस्थानम बोर्ड का विरोध लगातार चल रहा है। बल्कि भारी बारिश और ठंड के बावजूद आचार्य संतोष त्रिवेदी केदारनाथ में धरना दे रहे हैं और सरकार से देवस्थानम बोर्ड और मास्टर प्लान का विरोध कर रहे हैं। बाबा पिछले 80 दिन ये आंदोलन चला रहे हैं। बाबा केदार के पूजा में लगे हुए पुरोहितों का कहना है क सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है। हालांकि इस बोर्ड की स्थापना से यात्रियों को ज्य़ादा सुविधाएं मिलेंगी।
दरअसल देवस्थानम बोर्ड बनने के बाद केदारनाथ मंदिर और यात्रा मार्ग पर जो भी कुछ होगा, वो बोर्ड ही तय करेगा। कितने लोगों को दुकानें देनी हैं। रूकने का इंतज़ाम से लेकर बाकी सभी निर्णय ये बोर्ड लेगा। लेकिन इससे यहां लोगों की पुजाएं करा रहे पंडितों और पुरोहितों का काम प्रभावित हो सकता है। इसी लिए ये पुरोहित यहां धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों से केदारघाटी के साथ ही केदारनाथ में भी लगातार बारिश हो रही है, जिस कारण जहां केदारघाटी में जनजीवन प्रभावित हो रहा है, लेकिन तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी अर्धनग्न धरना प्रदर्शन लगातार जारी है। हालांकि बाकी तीर्थ पुरोहित छाता लेकर धरना दे रहे हैं। मंदिर परिसर में अर्धनग्न होकर धरना देते हुए आचार्य त्रिवेदी ने कहा कि सरकार ने केदारनाथ समेत चारधाम से जुड़े लोगों की उपेक्षा की है। सरकार ने तीर्थपुरोहितों के सिर पर देवस्थानम बोर्ड को थोपने का काम किया है, जो उन्हें मंजूर नहीं हैं। कहा कि कोरोना काल में यात्रा का संचालन तो किया जा रहा है। लेकिन सुविधाएं एक भी नहीं हैं। कहा कि शासन-प्रशासन को कई बार अवगत कराने पर भी सुध नहीं ली जा रही है। अब, तीर्थपुरोहित आर पार की लड़ाई के लिए मजबूर हैं। उन्होंने मांगपूर्ति तक आंदोलनरत रहने की चेतावनी दी और कहा कि जल्द ही सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो वे भू समाधि लेने को मजबूर हो जायेंगे।
वहीं जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि तीर्थ पुरोहितों के धरने को लेकर वार्ता की गयी। उनसे कहा गया है कि देवस्थानम् बोर्ड का मामला शासन स्तर पर चल रहा है, जबकि मास्टर प्लान को लागू करने का निर्णय भी शासन का है। मास्टर प्लान को लेकर तीर्थ पुरोहितों से बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके हकों से छेड़छाड़ किया जा रहा है। इस मामले में सचिव राजस्व को रिपोर्ट भेजी गयी है, जिसमें जल्द ही निर्णय आ जायेगा।