
राजनीतिक शून्य होने की वजह से हटे मुर्मू
राजनीतिक कौशल वाले व्यक्ति की थी जरूरत
जम्मू कश्मीर के नए एलजी
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के गठन के बाद बनाए गए उपराज्यपाल
गिरीश चंद्र मुर्मू दरअसल उनके “राजनीतिक शून्य” की वजह से हटाए गए। सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ समय से उनके कई मामलों जैसे 4 जी इंटरनेट की बहाली और नागरिक प्रशासन में “शिथिलता” के कारण उनके रुख की वजह से उनका इस्तीफा ले लिया गया।
गुरुवार को सरकार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और तीन बार के भाजपा सांसद मनोज सिन्हा को नया जम्मू-कश्मीर एल-जी नियुक्त किया।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि मुर्मू को हटाने के प्राथमिक कारणों में से एक सबसे बड़ी वजह राजनेता की आवश्यकता थी। सूत्रों का कहना है कि केंद्र चाहता है कि उपराज्यपाल न केवल नौकरशाही और सुरक्षा सेट-अप के साथ बेहतर से काम करें बल्कि लोगों तक भी पहुंचने का काम भी करें।
माना जा रहा है कि मुर्मू के जाने की तत्काल वजह केंद्र सरकार की इच्छाओं के खिलाफ यूटी में 4 जी इंटरनेट सेवाओं की बहाली पर उनकी टिप्पणी थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि राज्य में 4G इंटरनेट सेवाएं जल्द बहाल हो जाएंगी और इससे सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है।
विधानसभा चुनावों के समय पर उनकी टिप्पणियों का चुनाव आयोग ने भी विरोध किया था।
मुर्मू को बुधवार को इस्तीफा देने के लिए कहा गया था, सूत्रों ने कहा कि उन्हें एक महत्वपूर्ण संगठन को संभालने के लिए नई दिल्ली में एक भूमिका दी जा सकती है।
सूत्रों ने कहा कि सिन्हा की नियुक्ति से जम्मू और कश्मीर में स्थिति को आसान बनाने में मदद मिलेगी।
सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने महसूस किया कि राजनीतिक कौशल वाले व्यक्ति जो वास्तव में समाज के विभिन्न वर्गों के साथ अधिक सौहार्दपूर्ण तरीके से मिल सकते हैं, यह समय की आवश्यकता है और इसलिए, सिन्हा को चुना गया। उनपर नई दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व विश्वास भी करता है। सूत्रों ने कहा कि मुर्मू एक नौकरशाह थे और इसलिए उनके काम करने की एक अलग शैली थी।
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