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भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों के लिए बनाए गए तीन अध्यादेश के विरोध में अकाली दल नेता हरसिमरत कौर के केंद्रीय मंत्री से इस्तीफे को सही बताते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर हमला बोला और कहा दुष्यंत चौटाला को शर्म आनी चाहिए, लेकिन दुष्यंत ने किसानों के वोट भाजपा को बेच दिए है। चढूनी ने रोहतक में ऐलान कर दिया कि 20 सितम्बर को नेशनल हाईवे नंबर 1 को छोड़कर अध्यादेश के विरोध में पूरे प्रदेश की सड़कें जाम रहेंगी। चढूनी ने आज रोहतक की अनाज मंडी में अध्यादेश के विरोध में धरने पर बैठे आढती व किसानों को समर्थन देने के लिए पहुंचे थे।
गुरनाम सिंह ने कहा कि यह तीनों अध्यादेश किसान ही नहीं राष्ट्र विरोधी है, इस अध्यादेश से केवल कॉरपोरेट जगत को ही फायदा होगा। इसलिए प्रदेश में 17 संगठन इसका विरोध कर रहे हैं, यही नहीं किसान मजदूर व बहुत से कृषि से संबंधित से जुड़े लोग इसके विरोध में खड़े हुए हैं और ऐसे में भाजपा पार्टी इस आंदोलन के पीछे कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगा रही है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के पास अब इन किसानों को जवाब देने के लिए कुछ नहीं बचा है। साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि रविवार 20 सितंबर को केवल नेशनल हाईवे नंबर एक को छोड़कर प्रदेश की सभी सड़कें अध्यादेश के विरोध में जाम रहेंगे। उन्होंने सरकार से मांग की कि या तो तीनों अध्यादेश वापस लिए जाएं या एमएसपी की गारंटी का लिखित कानून बनना चाहिए। तभी किसानों का आंदोलन वापस हो सकता है
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफे को लेकर चढूनी ने कहा कि देर से ही सही लेकिन यह हरसिमरत कौर का सही कदम है। उन्होंने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि दुष्यंत चौटाला को शर्म आनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने प्रदेश में किसानों के नाम पर वोट ली थी, लेकिन वह सारे वोट दुष्यंत ने बीजेपी को बेच दिए हैं। अगर दुष्यंत चौटाला वास्तव में किसान हितैषी हैं तो अभी तक उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए था।