
लॉकडाउन में ढील से भी जिंदगी पटरी पर नहीं
लग रहा था कि लॉकडाउन में थोड़ी देर देने से जुलाई महीने की शुरुआत तक काम धंधा कुछ पटरी पर आएगा, बाजारों में रौनक बढ़ेगी, रोड पर ट्रैफिक बढ़ेगा और काम धंधे में कुछ जान आएगी लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और कुछ इलाकों में लॉकडाउन जैसे कदम उठाने से जिंदगी पटरी पर नहीं आ पा रही है।
दिल्ली मुंबई जैसे शहरों की ट्रैफिक पहले की तरह सामान्य नहीं है। ट्रैफिक बहुत कम हो गया है। लोगों का थोड़ा बहुत काम धंधा घर से ही चल रहा है। वही किराना और दवा की दुकानों पर भी लोग कम आ जा रहे हैं।
बिजली उत्पादन कम
वहीं बिजली उत्पादन और कंज्यूम करने के बीच अंतर ज्यादा बढ़ गया है। बिजली का उत्पादन कम हो रहा है और कंज्यूम ज्यादा हो रहा है। अंतर करीब 7 फ़ीसदी का देखने को मिल रहा है।
दुकानों में भीड़ कम
लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद लोगों ने खुदरा सामानों वाली दुकानों, इलेक्ट्रॉनिक स्टोर और मॉल पर ज्यादा जाना शुरू कर दिया था। 21 जुलाई के आंकड़े दर्शाते हैं कि किराना और दवा दुकानों में लोगों का जाना लगभग सामान्य हो गया था।
लेकिन अब खुदरा दुकानों और मनोरंजनात्मक जगहों पर जाने का रुझान फिर कम हो गया जैसे मई और जून में लॉकडाउन के दौरान देखा गया था।
इंटरनेट की रफ्तार कम
किराना और दवा दुकान पर जाने का रुझान मई के अंत के स्तर पर वापस आ गया है। जुलाई में इंटरनेट की रफ्तार थोड़ी कम हो रही है। ज्यादा लोगों के घर पर होने पर इंटरनेट की रफ्तार में कमी आती है।
माल की ढुलाई कम
बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक भारतीय रेलवे ने माल ढुलाई की मात्रा में 6.33 प्रतिशत की गिरावट देखी। माल ढुलाई से होने वाली कमाई में करीब 12 फीसदी की कमी आई। यह आंकड़े रविवार को समाप्त होने वाले सात दिनों के हैं।
सड़क पर ट्रैफिक कम
उधर दिल्ली में जुलाई की शुरुआत और बीते रविवार तक ट्रैफिक नॉर्मल दिखा लेकिन पिछले कुछ दिनों से ट्रैफिक काफी कम हो गया है और दिल्ली की आबोहवा में नाइट्रोजन का स्तर भी काफी कम देखने को मिला है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा-नई दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान वायुमण्डल में नाइट्रोजन डाईऑक्साइड के स्तर में 70 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की है। वहीं मुंबई की भीड़ में कमी दिखी। अब शहर में हाल के सप्ताह में सामान्य के मुकाबले 70 फीसदी कम भीड़ दिखती है जो हाल के हफ्तों में देखे गए सामान्य सुधार से थोड़ा उलट है। इससे पता चलता है कि वित्तीय राजधानी में पहले की तुलना में कम गतिविधि दिख रही है क्योंकि सड़कों पर कारें भी कम दिख रही है।
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