
विकास दूबे के साथी जय बाजपेयी को लेकर यूपी सरकार ने केद्र सरकार को एक चिट्ठी लिखकर उसकी संपत्तियों की जांच ईडी और सीबीआई से कराने की सिफारिश की है। साथ ही जय बाजपेयी के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया है। इस मामले में कुल मिलाकर 11 आरोपी अभी भी फरार हैं। इन सबके खिलाफड कानपुर पुलिस ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है।
इससे पहले यूपी सरकार ने केंद्र सरकार को एक चिट्ठी लिखी जिसमें जय बाजपेयी की संपत्तियों की जांच करने के लिए सिफारिश की गई थी। आपको बता दें कि जय बाजपेयी विकास दूबे का खंजाची था। उत्तर प्रदेश गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि जय बाजपेयी के खिलाफ जो अवैध संपत्ति का मामला है वो पहली नज़र में सही पाया गया है। लिहाजा सरकार ने इसकी जांच के लिए ईडी और सीबीआई को लिखा है। जय बाजपेयी ने 8 पुलिसवालों की हत्या के बाद विकास दूबे और उसके दो साथियों की मदद की थी। जय बाजपेयी ने दो लाख रूपये और कुछ गाड़ियां अपराधियो को मुहैया कराई थी। गौरतलब है कि पुलिस पार्टी जब विकास दूबे को गिरफ्तार करने उसके गांव गई थी। तब विकास और उसके साथियों ने पुलिस को घेरकर 8 पुलिसवालों की हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने विकास दूबे और उसके कई साथियों की एकाउंटर में मार गिराया। लेकिन ये 11 आरोपी अभी भी पुलिस को मिल नहीं रहे हैं। इसमें से जय बाजपेयी काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि विकास दूबे का सारा पैसा इसी के पास रहता था। विकास की बहुत सारी बेनामी संपत्तियां और बैंक अकाउंट सभी का पता जय बाजपेयी को ही है। इसलिए यूपी सरकार ने जय बाजपेयी पर ईडी की जांच की सिफारिश की है।