शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण अब बनेगा डेस्टीनेषन वेडिंग प्लेस

शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण अब बनेगा डेस्टीनेषन वेडिंग प्लेस
0 0
Read Time:3 Minute, 3 Second

harendra negi

शिव -पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण पहचान का मोहताज नहींहै। देश नहीं बल्कि विदेश से भी लोग यहां अपना विवाह करने के लिये पहुंचते हैं।मान्यता है कि भगवान शिव और पार्वती ने भी त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह कियाथा। विवाह के दौरान अग्निकुंड में जलाई गई अग्नि तब से लगातार प्रज्जवलित होतीहै। आज त्रियुगीनारायण को वेडिंग डेस्टीनेशन के रूप में भी नई पहचान मिल रहीहै। यही कारण है कि अब त्रियुगीनारायण के ग्रामीण भी त्रियुगीनारायण काप्रचार-प्रसार अब वेडिंग डेस्टीनेशन के रूप में कर रहे हैं और यहां होनी वालीशादियों के लिये पौराणिक एवं पारंपरिक मांगल गीतों को सीख रहे हैं।

शिव-पार्वतीविवाह स्थल त्रियुगीनारायण आज देश-विदेश में महशूर है। प्रत्येक वर्ष लाखों यात्री यहां दर्शनों के लिये आते हैं। देश-विदेश से कई लोगशिव-पार्वती विवाह स्थल में अपना विवाह भी संपंन कराते हैं। शिव और पार्वतीने भगवान विष्णु के मंदिर में विष्णु भगवान को साक्षी मानकर विवाह संपंन कियाथा। यही कारण है कि लोग भी अपना विवाह यहां संपंन कराते हैं। मान्यताओं केअनुसार यहां विवाह संपंन कराने वाले जोड़े हमेशा खुश रहते हैं और उनके सभीदोष भी दूर होते हैं। त्रियुगीनारायण को जब से वेडिंग डेस्टिनेशन का दर्जा मिला है, तब से यहां पौराणिक पहाड़ी रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह संपंन कराये जा रहे हैं। विवाह में पहाड़ी पकवान, पहाड़ी रस्मे आदि का प्रयोग किया जाता है। अबयहां विवाह के दौरान पहाड़ी मांगल गीत भी गाये जाते हैं। विवाह के दौरान प्रयोग होने वालेमांगल गीतों को इन दिनों त्रियुगीनारायण गांव की महिलाओं को सिखाया जा रहाहै। ग्रामीण महिलाओं को मेहंदी, हल्दी हाथ, साथ फेरे, डोली विदाई आदि केसमय गाये जाने वाले मांगल गीत सिखाये जा रहे हैं। इन मांगल गीतों को सीखने केबाद स्थानीय महिलाएं त्रियुगीनारायण मंदिर में होने वाली शादियों में गाएंगी

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *