वैक्सीन की लड़ाई
पूरी दुनिया में इन दिनों कोरोना वैक्सीन को जल्दी से जल्दी मार्केट में लाने की लड़ाई चल रही है। भारत से लेकर अमेरिका, यूरोपीय देश और बाकी दुनिया के साइंटिस्ट इस वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। लेकिन इस बीच चीन का वैक्सीन को लेकर दुनिया के चार देशों में ट्रायल की इज़ाजत मांगने से पूरी दुनिया सकते में है। जानकार मान रहे हैं कि चीन के पास वैक्सीन पहले से ही है। वो बस इसको बेचने के लिए कोई दूसरा तरीका अपनाने की कोशिश में लगा हुआ है। अगर चीन ने समय से पहले वैक्सीन की घोषणा कर दी तो दुनिया को ये पक्का यकीन हो जाएगा कि उसने की कोरोना को फैलाया है और उसके पास पहले से ही वैक्सीन थी। इसलिए चीन अपनी वैक्सीन की घोषणा बाकी देशों की घोषणा के आसपास ही करेगा। हालांकि चीन के अपनी वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की घोषणा की है। जोकि दूसरे देशों के मुकाबले बहुत ही आगे है। इसके दो माने हो सकते हैं पहला कि चीन के पास इस बीमारी की वैक्सीन पहले से ही थी या फिर ये बीमारी बहुत पहले से ही चीन में थी। दोनों में बातों में चीन दुनिया की नज़रों में विलेन बन जाता है। इसलिए चीन अपनी वैक्सीन की घोषणा से पहले कई देशों को अपने साथ लाना चाहता है। इसी लिए उसने रूस, चीली, सउदी अरब और ब्राजील में ट्रायल की इज़ाजत मांगी है। दुनिया भर में इस वक्त कोरोना वैक्सीन का बाज़ार अरबों रूपये का है। अब देखना ये है कि क्या चीन अपने देश की बीमारी की तरह उसकी वैक्सीन भी दुनिया को दे पाता है या नहीं।
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