
पहले 370 खत्म होने से परेशान अब कोविड ने मुश्किल बढ़ाई, कश्मीर के हालात
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के 1 साल होने के मौके पर समूचे घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है। यहां के लोग पहले 370 खत्म होने के बाद लगाई गई पाबंदियों से परेशान थे और अब कोविड-19 ने मुश्किलें बहुत ज्यादा बढ़ा दी हैं। हर रोज 300 से 500 संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। 3 अगस्त तक कोरोना वायरस के मामले 22,000 के पार कर गए। जिसमें 17054 मामले घाटी से हैं।
कश्मीर में कोविड का ज्यादा आतंक, जम्मू में मामले कम
कश्मीर मॉनिटर डॉट नेट के मुताबिक अभी तक राज्य में 400 के करीब मौतें हो चुकी हैं, जिसमें 370 के करीब मौतें कश्मीर घाटी से हैं बाकी जम्मू क्षेत्र से है। 4952 मामले जम्मू क्षेत्र से है। यानी 78 फ़ीसदी घाटी से है।
कश्मीर मॉनिटर डॉट नेट के मुताबिक 3 अगस्त को जम्मू कश्मीर में 590 मामले कोविड के जिसमें से 433 मामले घाटी से थे।
यह हाल तब है जब घाटी के ज्यादातर हिस्सों में पिछले कई समय से लगातार लॉकडाउन है।
श्रीनगर में ही 70 से ज्यादा कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं इतनी पाबंदियों के बावजूद कोबिट के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं।
प्रशासन को समझ नहीं आ रहा है कि वह इतने सारे मरीजों को किस तरीके से हैंडल करें घाटी के अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं है नए बेड किस तरीके से उपलब्ध कराई जाए इसको लेकर अभी इंतजाम काफी खराब है।
संडे गार्जियन अखबार के मुताबिक 100 के करीब वेंटीलेटर श्रीनगर पहुंच नहीं पाए हैं जबकि स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने इसे आश्वासन दिया था। यही नहीं वह भी से डर के मारे अस्पताल में कई डॉक्टर और स्टाफ तो अभी नहीं हैं। कश्मीर मॉनिटर डॉट नेट के मुताबिक 3 अगस्त को जम्मू कश्मीर में 590 मामले कोबिड के जिसमें से 433 मामले घाटी से थे।
लोग कर रहे हैं लापरवाही
प्रशासन कहता है कि संक्रमण की इतनी ज्यादा मामले आने के पीछे लोगों में जानकारी का अभाव और लापरवाही भी सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। लोग कोविड-19 की बीमारी को हल्के में ले रहे हैं। चेहरे पर मार्क्स लगाना, हाथ बार-बार धोना और एक दूसरे के बीच 2 गज की दूरी बना कर रखना जैसे सरकार के दिशानिर्देशों पर घाटी के लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसकी वजह से भी मामले बढ़ रहे हैं।
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