
पीएम जनधन योजना से जुडे़ 40 करोड़ लोग खातों का कर रहे इस्तेमाल, बढ़ गई डिपॉजिट राशि, ले रहे हैं बैंकिंग सेवा
देश में सभी लोगों को बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराने की नरेंद्र मोदी सरकार की प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) को छह साल पूरे हो चुके हैं। 40 करोड़ लाभार्थी इसका लाभ ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री जनधन योजना से बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों के अनुपात में काफी कमी आने की संभावना है।
न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता की वजह से नहीं खोलते थे खाते
ये बैंक खाते मूलत: उन लोगों के लिए हैं जो न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता होने की वजह से बैंक खाता खोलना पसंद नहीं करते थे।
वाणिज्यिक बैंकों की कुल मांग जमाओं में जनधन योजना के जमा की हिस्सेदारी योजना के एक साल पूरा होने के समय के 2.8 फीसदी से बढ़कर 8.6 प्रतिशत हो गई है। इससे संकेत मिलता है कि जनधन खाताधारक अब पहले की तुलना में बैंकिंग सेवाओं को लेकर काफी सक्रियता दिखा रहे हैं। इसके साथ हीबी निष्क्र
िय खातों की हिस्सेदारी में भी गिरावट आई है।
लोग खातों से कर रहे है लेन देन
मार्च 2017 में केवल 60 फीसदी जनधन खाते ही सक्रिय थे जबकि जनवरी 2020 में सक्रिय खातों का अनुपात बढ़कर 81 फीसदी हो गया है।
क्या क्या फायदे ?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक चाहे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण हो, कोविड-19 से जुड़ी वित्तीय सहायता हो, पीएम-किसान, मनरेगा के तहत बढ़ी हुई मजदूरी या जीवन और स्वास्थ्य बीमा कवर हो, इन सबके लिए पहला कदम यह था कि हर वयस्क का अपना बैंक खाता हो। सबके बैंक खाते के लक्ष्य को पीएमजेडीवाई ने लगभग पूरा कर लिया है।’
जनधन खातों का बैलेंस बढ़ा
पिछले छह सालों में जनधन खातों का इस्तेमाल विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए बड़े पैमाने पर किया गया है। पीएमजेडीवाई खातों में औसत बैलेंस अगस्त 2015 के 1,279 रुपये से बढ़कर 19 अगस्त, 2020 को 3,239 रुपये हो गया है जो पांच साल में ढाई गुना बढ़ गया है।
इन विशेष बुनियादी बचत बैंक खाते पर दो लाख रुपये के दुर्घटना बीमा कवर के साथ-साथ 10,000 रुपये की उच्चतम सीमा वाले ओवरड्राफ्ट (खाते में जमा से अधिक रकम निकालने) की सुविधा भी है।