
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी के कामकाज पर सवाल उठाने वाले 23 पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को उनके राज्यों में निशाना बनाया जा रहा है। गांधी परिवार के वफादार नेता और कार्यकर्ता इन नेताओं को पार्टी से बाहर निकालने की मांग कर रहे हैं और यहां तक कि इन नेताओं को घर से बाहर नहीं निकलने की धमकी भी दे रहे हैं।
ताजा मामला उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद का है। जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश के एकमात्र नेता थे जिन्होंने सोनिया गांधी को लिखी गई चिट्ठी पर अपने हस्ताक्षर किए थे। अब उत्तर प्रदेश कांग्रेस कि लखीमपुर खीरी प्रदेश इकाई ने प्रस्ताव जारी कर जितिन प्रसाद को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है।
दिलचस्प बात तो यह है कि लखीमपुर खीरी के प्रदेश कांग्रेस समिति अध्यक्ष प्रह्लाद पटेल ने दावा किया है कि प्रियंका गांधी के करीबी राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर ने उन्हें यह प्रस्ताव जारी करने के लिए कहा है। उनकी एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
इससे पहले जिन महाराष्ट्र के नेताओं ने एक चिट्ठी पर हस्ताक्षर करें थे, उनको भी धमकी मिली थी। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री सुनील केदार ने मिलिंद देवड़ा, पृथ्वीराज चौहान और मुकुल वासनिक को धमकी दी थी कि उन्होंने इस चिट्ठी पर हस्ताक्षर करके गांधी परिवार के खिलाफ बगावत की है, अगर वह माफी नहीं मांगते तो उन्हें कार्यकर्ता घर से बाहर निकलने नहीं देंगे।
सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले अन्य नेताओं ने इसे लेकर विरोध जाहिर किया है। कपिल सिब्बल ने ट्वीट करके जितिन प्रसाद के खिलाफ कार्यवाही की मांग को शर्मनाक बताया है जबकि चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले अन्य नेता मनीष तिवारी ने इसकी निंदा की है।