
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Naredra Modi) ने कहा कि अब किसान (Farmer) अपने अनाज, फल-सब्जियां कहीं भी बेच सकते हैं। इससे किसानों को एक आज़ादी मिली है। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि अब किसानों को अपनी फल-सब्जियां कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की ताकत मिल गई है। किसान और किसानी की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि कहा जाता है कि जो लोग ज़मीन से जुड़ा है वो बड़े से बड़ा तुफान झेल जाता है। कोरोना काल में हमारे किसान इसका जीता जागता उदाहरण है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मुझे कई ऐसे किसानों की चिट्ठियां मिलती हैं, किसान संगठनों से मेरी बात होती है, जो बताते हैं कि कैसे खेती में नए-नए आयाम जुड़ रहे हैं, कैसे खेती में बदलाव आ रहा है। कोरोना के इस कठिन समय में भी हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमखम दिखाया है, देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं, ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी।’
प्रधानमंत्री ने कृषि बिल के फायदों को एक उदाहरण के जरिए बताते हुए उन्होंने हरियाणा के सोनीपत जिले के एक किसान कंवर चौहान के बारे में बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘श्री चौहान ने बताया है कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में बहुत दिक्कत आती थी। अगर वो मंडी से बाहर, अपने फल और सब्जियां बेचते थे, तो कई बार उनके फल, सब्जी और गाड़ियां तक जब्त हो जाती थीं। लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC अधिनियम से बाहर कर दिया गया। इस एक फैसले ने उनको और बहुत सारे अन्य किसानों की जिंदगी बदल दी। अब उनके आसपास के किसान स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती से, ढाई से तीन लाख प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘तीन–चार साल पहले महाराष्ट्र में फल और सब्जियों को APMC के दायरे से बाहर किया गया था। इसके बाद महाराष्ट्र के फल और सब्जी उगाने वाले किसानों की स्थिति बदली है। मॉनसून सत्र में सरकार के कृषि बिल के पास कराने के बाद देश के कई इलाकों में इस बिल को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। ख़ासकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिम बंगाल में इसका काफी असर दिख रहा है। ऐसे में कृषि बिल के फायदे किसानों को बताने के लिए खुद प्रधानमंत्री बार बार हर फोरम पर इस बिल के फायदे बता रहे हैं।