
बिहार के डीजीपी गुप्तेशवर पांडे ने आखिरकार राजनैतिक चोला ओढने का मन बना ही लिया है। जिस तरह से वो सुशांत सिंह राजपूत केस में राजनैतिक भाषा बोल रहे थे। उससे पहले से ही लग रहा था कि वो राजनीति में आएंगे। अगले साल फरवरी तक डीजीपी रहने की बजाए उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ना बेहतर समझा है। कल अचानक उन्होंने वीआरएस लेने की घोषणा कर दी। इससे उन कयासों पर लगाम लग गई। जोकि सुशांत केस में उनके बयानों के बाद लग रहे थे।
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी पांडेय के विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं. हालांकि अब तक पांडेय ने इसकी घोषणा नहीं की है। लेकिन आज शाम वो अपनी कहानी सोशल मीडिया के जरिए बताने जा रहे हैं। कल देर रात एक ट्वीट कर उन्होंने ये जानकारी दी है। गुप्तेश्वर पांडेय ने ट्वीट कर कहा, 23 सितंबर को शाम 6 बजे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लाइव आऊंगा। मैसेज के ऊपर एक कैप्शन में लिखा है- मेरी कहानी, मेरी जुबानी। सूत्रों की मानें तो लाइव के दौरान पांडेय चुनाव संबंधी घोषणाएं कर सकते हैं। सोमवार को ही जब उनसे रिटायरमेंट के बाद राजनीति में जाने के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था, ”क्या रिटायरमेंट के बाद राजनीति में जाना पाप है? कदाचार है? या गलत है? राजनीति के कारण ही कार्यपालिका है, विधायिका है.” इससे बड़ा ही साफ है कि वो राजनीति में जाने का मन तभी बना चुके थे। जब वो सुशांत केस में राजनैतिक बयानबाजी करने लगे थे। जिस तरह से उन्होंने सुशांत केस को जिंदा रखने में भूमिका निभाई है। ये किसी से छिपा नहीं है। बिहार चुनावों में सुशांत सिंह राजपूत एक मुद्दा बन चुके हैं। ये भी साफ है। पिछले कुछ समय में सुशांत केस के कारण राज्य में विकास के सभी मुद्दे दब गए हैं।