
Bihar Politics: बिहार में नीतीश कुमार के मंत्रीमंडल विस्तार में पहले दिन से ही तनातनी नज़र आने लगी है। बीजेपी नाता तोड़ने में सबसे आगे खड़े नज़र आ रहे उपेंद्र कुशवाहा अचानक से पूरे सीन से गायब हो गए हैं। जबकि अभी तक तेजस्वी के पीछे चल रहे लालू यादव के दूसरे बेटे तेजप्रताप यादव मंत्रीमंडल की लिस्ट में आ गए हैं। मंत्रीमंडल बनाने में नीतीश कुमार को काफी मशक्कत करने पड़ी है। जहां बीजेपी के साथ नीतीश कुमार को चुनिंदा लोगों से ही बात करनी पड़ रही थी, वहां इस सरकार में आरजेडी से लेकर कांग्रेस से भी पहले मंजूरी लेनी पड़ रही है।
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय को लेकर आरजेडी और जेडीयू में काफी तनातनी रही थी। नीतीश गृह मंत्रालय अपने पास ही रखना चाहते थे, जबकि तेजस्वी इसे अपने हाथों में लेना चाह रहे थे। बताया जा रहा है कि नीतीश ने गृह मंत्रालय की बजाए विधानसभा अध्यक्ष का पद आरजेडी को दे दिया है। साथ ही कुछ महत्वपूर्ण मंत्रालय भी आरजेडी के पक्ष में जा रहे हैं।
नए मंत्रीमंडल में जहां 11 मंत्री जेडीयू के शामिल होंगे, वहीं आरजेडी के 15 मंत्री इसमें जगह पा रहे हैं, कांग्रेस से भी दो मंत्री रहेंगे और एक मंत्री हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और एक निर्दलीय को भी मंत्रीमंडल में जगह दी जा रही है।