
बिहार के राजनीतिक गलियारे में अक्सर पार्टियां छोड़ने वाले और पार्टियां ज्वाइंन करने वालों की ख़बरें आती रहती हैं। ऐसे में बिहार में उद्योग मंत्री और जदयू के दलित चेहरे श्याम रजक के पार्टी छोड़ने की खबर आ रही है। लेकिन मामले में उस वक्त मोड़ आ गया जब खुद जदयू ने रजक को खुद ही पार्टी से निकाल दिया।
सूत्रों की माने तो एक समय ‘लालू के श्याम’ नाम से चर्चित रजक अपनी पुरानी पार्टी में जा सकते हैं। पहले वो लालू यादव के काफी करीबी रहे हैं और बाद में जदयू ज्वाइंन करने के बाद नीतीश कुमार के भी करीबी हो गए थे।
श्याम रजक के पार्टी और सरकार से नाराज़गी की ख़बरें लंबे समय से आ रही थी। लेकिन अब लालू की पार्टी यानि राष्ट्रीय जनता दल से भी उनके स्वागत का बयान आ गया है। हालांकि रजक कल फैसला लेने वाले थे। लेकिन नीतिश की पार्टी ने रजक को आज ही पार्टी से निकाल दिया।
श्याम रजक बिहार में जदयू के लिए तुरुप का इक्का भी साबित होते रहे हैं, यही कारण है कि वोटों के समीकरण को ध्यान में रखते हुए उनको नीतीश कुमार की सरकार में दो-दो बार मंत्री का पद मिला। लालू दरबार में भी श्याम की खासी पूछ थी और वो राबड़ी देवी की सरकार में भी पावरफुल यानी मंत्री थे।
साल 2009 में उनका लालू से मोह भंग हो गया था। उस वक्त लालू के ख़राब दिन चल रहे थे। बाद में वो जदयू में शामिल हो गए थे लेकिन उप चुनाव में हार गए थे। साल 2010 में वो फिर से जदयू के कोटे से विधायक बने और मंत्री बने लेकिन जब रजक 2015 में महागठबन्धन से विधायक बने और तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे तो उनको नीतीश सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया था।