चीन भारत के खिलाफ उसकसावे वाली हरकतें जारी रखे हुए है। भारत की सीमा पर दखलअंदाजी के अलावा अब चीन बड़ी संख्या में सीमा पर तोपें तैनात कर रहा है और काफी संख्या में तो तिब्बत से लेकर कालापानी घाटी के ऊपर तक बड़ी संख्या में तोंपों और सैनिकों की तैनाती कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक जब भारत और चीन के बीच सैनिकों को पीछे हटाने के लिए कमांडर और उससे ऊपर स्तर के अधिकारियों में बातचीत चल रही थी। उस समय 4600 मीटर की ऊंचाई पर ये तोपें तैनात कर रहा था। उसने तिब्बत में 77 कांबैट कमांड की 150 कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड की तैनाती कर दी है। ये कंबाइन ब्रिगेड अलग अलग ब्रिगेड को बनाकर बनाई गई है। सूत्रों का कहना है कि चीन ने तिब्बत के काफी ऊंचाई वाले क्षेत्र में तैनाती कई गुना बढ़ा दी है। चीन ने कंबाइन्ड आर्म्स ब्रिगेड (Combined Arms Brigade) भारत से लगे लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल के पास तैनात की है। हालांकि भारत लंबे समय से चीन की विस्तारवादी नीतियों का विरोध कर रहा है। दुनिया भी इस बात को मानती है कि चीन अपने पड़ोसी देशों के मामलों में दखलअंदाजी करता है।
सूत्रों की मानें तो चीन ने तीन सेक्टरों पश्चिमी (लद्दाख), मध्य (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) और पूर्व के सेक्टरों (सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश) में इन तोपों की तैनाती की है साथ ही उत्तराखंड के लिपुलेख पास (Uttarakhand’s Lipulekh Pass) में भारत, चीन और नेपाल के तिराहे पर कालापानी घाटी के ऊपर अपने जवानों की संख्या बढ़ा दी है।
चीन ने वादा खिलाफी करते हुए इन तैनातियों के साथ ही सीमावती इलाकों में परमानेंट स्ट्रक्चर भी बना लिए हैं। बता दें कि सीमा से सैनिकों की वापसी को लेकर भारत और चीनी सेना के बीच कई राउंड की बातचीत हो चुकी है। लेकिन चीन की ओर से उकसावे वाली कार्रवाईयां अभी भी जारी हैं। चीन ने वादा किया था कि वह सीमा पर पूर्व की स्थिति को बहाल करते हुए आपत्ति वाले इलाकों से अपने सैनिकों को वापस बुला लेगा। बता दें कि 15 जून को चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवानों ने वीरगति पाई थी। इसमें चीनी सेना के भी कई जवान मारे गए थे। हालांकि शातिर चीन ने दुनिया के सामने आज तक मारे गए अपने जवानों की संख्या नहीं बताई है।