
China Vs Taiwan:चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। गुरुवार को चीन की तरफ से एक कदम आगे बढ़कर 11 मिसाइलें दागी गई हैं। ताइवान की सरकार ने इसकी पुष्टि की है। इन मिसाइलों को उनके आसपास के इलाकों की ओर दागा गया है। लेकिन कहा जा रहा है कि इन मिसाइलों की लैंडिंग जापान में हुई।
जापान के रक्षा मंत्री की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि चीन द्वारा चलाई गई पांच मिलें जापान के क्षेत्र में गिर गई हैं। वैसे चीन की इस हरकत से इसलिए भी चिंता होती है क्योंकि बुधवार को ताइवान के एयर जोन में चीन के 27 लड़ाकू विमान देखे गए। उस कार्रवाई के कारण ताइवान ने अपने मिसाइल सिस्टम को भी सक्रिय कर दिया। अब उस टकराव के बाद गुरुवार को दोनों देश फिर आमने-सामने आ गए हैं। सैन्य अभ्यास के नाम पर चीन लगातार ताइवान को चेतावनी दे रहा है, मिसाइलें डराने का काम कर रही हैं।
पेलोसी के दौरे के बाद चीन हुआ आक्रामक
अब दोनों देशों के बीच शुरू हुई इस टेंशन की स्क्रिप्ट अमेरिका ने लिखी है। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद से ही चीन की ओर से धमकियों का दौर शुरू हो गया है। अब पेलोसी ताइवान से चली गई है, लेकिन अमेरिका के केवल प्रवेश ने दोनों देशों के बीच विवाद को बढ़ा दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सेना 4 से 7 अगस्त तक 6 अलग-अलग इलाकों में सैन्य अभ्यास भी करेगी, जो ताइवान के द्वीप को चारों ओर से चारों ओर से चारों ओर से घेरते हैं।
चीन ने दिए अपने तर्क
इसके अलावा ग्लोबल टाइम्स ने चीनी विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि चीन का यह अभ्यास अभूतपूर्व है क्योंकि पीएलए मिसाइलों के पहली बार ताइवान द्वीप के ऊपर से उड़ान भरने की उम्मीद है। ऐसे में चल रही टेंशन और भी बढ़ सकती है। फिलहाल अमेरिका ताइवान की मदद करने की बात जरूर कर रहा है, वह सुरक्षा देने की गारंटी भी दे रहा है। लेकिन जमीन पर स्थिति को देखते हुए, ताइवान अमेरिका पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं कर सकता है।