सीएम ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में सात नए जिलों के गठन की घोषणा की, राज्य में जिलों की संख्या 30 पहुंची

सीएम ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में सात नए जिलों के गठन की घोषणा की, राज्य में जिलों की संख्या 30 पहुंची
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पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने सात नए जिलों के गठन की घोषणा की है। जिसके बाद अब प्रदेश में कुल जिलों की संख्या बढ़कर 30 हो जाएगी। सोमवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘पहले बंगाल में 23 जिले थे। अब इसे बढ़ाकर 30 कर दिया गया है। सात नए जिलों में – सुंदरबन, इछामती, राणाघाट, बिष्णुपुर, जंगीपुर, बहरामपुर और बशीरहाट शामिल हैं।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के अमित मालवीय ने कहा, “ममता बनर्जी का सात नए जिले बनाने और नए चेहरों को शामिल करने का निर्णय एसएससी घोटाले से ध्यान हटाने का प्रयास है। उसे यह बताना होगा कि कर्ज में डूबी पश्चिम बंगाल सरकार को एक नई सरकार की जरूरत है। जिला चलाने के लिए कहां से पैसा लूंगा। परेश अधिकारी अभी भी कैबिनेट में हैं, नए चेहरे भी दाग नहीं धो पाएंगे।

कैबिनेट में भी होगा फेरबदल

परेश अधिकारी राज्य के शिक्षा मंत्री हैं। पार्थ चटर्जी के साथ ही ईडी ने एसएससी भर्ती घोटाले में उनके घर पर भी छापा मारा। मुख्यमंत्री बनर्जी ने इससे पहले घोषणा की थी कि बुधवार को राज्य में मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जाएगा। उन्होंने कहा था, ‘हम बुधवार को फेरबदल करेंगे। 4-5 नए चेहरे होंगे। यह घोषणा एसएससी भर्ती घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के तुरंत बाद की गई थी।

पार्थ के पास थे 11 विभाग

चटर्जी उद्योग, वाणिज्य और उद्यम, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, संसदीय मामलों और सार्वजनिक उद्यमों और औद्योगिक पुनर्निर्माण विभागों के प्रभारी मंत्री थे। चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को सीएम ने अपने विभागों का कार्यभार संभाल लिया है। पार्थ चटर्जी को भी मंत्री पद से हटा दिया गया है। सीएम बनर्जी के पास अब पार्थ चटर्जी के चार विभागों सहित 11 विभागों का प्रभार है।

क्या कहा था सीएम ममता बनर्जी ने?

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘हमारी पूरे मंत्रालय को भंग करने और नया बनाने की कोई योजना नहीं है। हां, फेरबदल होगा। हमने मंत्री सुब्रत मुखर्जी, साधन पांडे को खो दिया। पार्थ चटर्जी जेल में है इसलिए उसका सारा काम करना होगा। मेरे लिए यह सब अकेले संभालना संभव नहीं है।

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Deepak Upadhyay

Deepak Upadhyay, a RedInk awardee, has been into journalism for the past 20 years. He started practicing journalism from Amar Ujala Chandigarh. The founding editor of www.theekhabar.com and www.AyurvedIndian.com has been reporting on government policies for quite a long time.
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