
कोरोना के बेकाबू से राज्यों के साथ साथ केंद्र सरकार भी परेशान है। लिहाजा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को कुछ राज्यों के साथ कोरोना की समीक्षा करेंगे। ये वो राज्य है। जहां कोरोना के सबसे ज्य़ादा मामले हैं और जहां कोरोना से सबसे ज्य़ादा मौतें हो रही हैं। महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब पर अब केंद्र सरकार ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। केंद्र सरकार का मानना है कि इन राज्यों में अगर जिलों में अस्पतालों पर ध्यान दिया जाए तो मौतों में कमी आएगी।
इससे पहले इन राज्यों के साथ कैबिनेट सचिव भी बात कर चुके हैं और स्वास्थ्य पर पूरी समीक्षा की जा चुकी है। इन सात राज्यों में देश के कुल एक्टिव केस का 63 फीसदी हिस्सा है। यानि आधे से ज्य़ादा कोरोना के मरीज इन्हीं राज्यों से हैं। साथ ही इन राज्यों में कोरोना से होने वाली मौतों में 77 फीसदी इन्हीं राज्यों में सीमित है। महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु में पिछले एक हफ्ते में औसत प्रतिदिन कोरोना के नए मामलों में कमी आई है। लेकिन पंजाब और दिल्ली में इसकी संख्या बढ़ रही है। इसी तरह महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली में दो फीसदी से भी अधिक मृत्युदर है, जोकि राष्ट्रीय औसत 1.6 से बहुत ज्यादा है। इन सात राज्यों में प्रति टेस्ट पोजेटिव रेट राष्ट्रीय औसत से बहुत ज्यादा है।
सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट सचिव के साथ बैठक के बाद जिन मामलों पर ज़ोर देने की बात है। उनपर प्रधानमंत्री मोदी इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत करेंगे। साथ ही जो उपाए अभी तक अपनाए गए हैं। उनको और बेहतर करने के लिए राज्यों को क्या चाहिए इसपर भी बात की जाएगी। दरअसल इन सातों राज्यों में अगर मौत का आंकड़ा कम हो जाए तो प्रतिदिन कोरोना से होने वाली मौतों में भारी कमी आ जाएगी। लिहाजा केंद्र सरकार इस ओर कोशिश कर रही है।