
देश में कोरोना के केस दिन ब दिन बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में 83 हज़ार कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जोकि अभी तक का रिकार्ड है। पिछले करीब एक हफ्ते से रोज़ाना कोरोना के 70 हज़ार से ज्य़ादा संक्रमित पाए जा रहे हैं। इससे भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 34 लाख को पार कर गई है। कोरोना से इस दौरान 1026 लोगों की मौत हुई है। हालांकि अभी तक ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी 30 लाख के आसपास है। लेकिन अब कोरोना को लेकर हो रही टेस्टिंग पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन ने कहा है कि ज्य़ादा टेस्ट बढ़ाकर कोरोना से होने वाली मौतों को नहीं रोका जा सकता।
केंद्र और राज्य सरकार रोजाना बड़ी संख्या में कोरोना की जांच के लिए टेस्ट कर रही हैं। लेकिन इससे कोरोना के मरीज़ों की बढ़ती संख्या पर रोक नहीं लग पा रही है। बल्कि पिछले एक हफ्ते में तो कोरोना के मरीजों की संख्या में बड़ी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। हालांकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी बहुत अधिक है। महाराष्ट और कर्नाटक में कोरोना के मरीजों की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ रही है। इस दौरान कोरोना को लेकर एक गठित एक टास्क फोर्स ने कहा है कि टेस्टिंग से कोरोना पर काबू नहीं पाया जा सकता है। आइपीएचए और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (आइएपीएसएम) ने इस साल अप्रैल में सार्वजनिक स्वास्थ्य के विशेषज्ञों को मिलाकर इस टास्क फोर्स का गठन किया था। टास्क फोर्स का काम देश में कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार को उपाय सुझाना है। इस संस्था का कहा कि अनलॉक के बाद के दो महीनों में देश में प्रतिदिन मिलने वाले नए मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। दुनियाभर में प्रतिदिन मिल रहे नए मामलों में 30 प्रतिशत और मौतों में 20 प्रतिशत मामले अकेले भारत में ही आ रहे हैं। हालांकि, इनका यह भी कहना है कि देश में अभी कोरोना का चरम आना बाकी है। भारत में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर प्रभावशाली है और मृत्युदर में भी लगातार गिरावट आ रही है।