
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस (Hathras) में हुए दलित (Dalit) महिला की मौत और लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे (Lucknow-Agara Expressway) पर बच्ची के साथ गैंगरेप (Gangrape) जैसी घटनाओं के बाद केंद्र सरकार (Centeral Government) ने राज्यों को महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें मंत्रालय ने महिला अपराध के मामलों में पुलिस की कार्रवाई करने को कहा है। यानि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों में पुलिस को निश्चित तौर पर कार्रवाई करनी ही होगी। ऐसा मंत्रालय ने राज्यों को कहा है। मंत्रालय ने कहा है कि महिला के खिलाफ अपराध यदि थाने के अधिकार क्षेत्र के बाहर भी हुआ है तो थाने को जीरो एफआइआर दर्ज करनी ही होगी। दरअसल महिला सुरक्षा के मामले में केंद्र सरकार समय समय पर राज्यों को दिशा निर्देश देता रहता है। लेकिन हाल ही में उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान व कुछ अन्य राज्यों में महिलाओं के खिलाफ कई घटनाएं हुई हैं। जिनको देखते हुए मंत्रालय ने ऐसा निर्देश दिया है।
अपनी एडवाइज़री में गृह मंत्रालय ने कहा है कि अगर महिलाओं के खिलाफ किसी घटना को दर्ज़ नहीं किया जाएगा तो वो भी अपराध की श्रेणी में आता है और इसपर 166ए में दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध में एक SOP बना हुआ है। जिसका पालन हर केस में किया जाना चाहिए। यानि अपराध के खिलाफ जांच करने का एक तरीका पहले से ही तय करके राज्यों को केंद्र सरकार ने दे दिया है। अगर महिला के खिलाफ किसी तरह का अपराध होत है। तो पुलिस अपने तरीके से इसकी जांच नहीं करेगी बल्कि जो मानक गृह मंत्रालय ने तय करके दिए हैं। उन्हीं के आधार पर मामले की जांच करेगी। इससे पुलिस के मामले को तोड़मरोड़कर जांच करने का अंदेशा कम हो जाएगा।