Covid : लोग नहीं करा रहे बीमा पॉलिसी बचा रहें हैं पैसा, जरूरतों के लिए पीएफ से पैसा निकालने को मजबूर

Covid : लोग नहीं करा रहे बीमा पॉलिसी बचा रहें हैं पैसा, जरूरतों के लिए पीएफ से पैसा निकालने को मजबूर
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कोरोना काल में लोगों को शांति से जीना मुश्किल हो गया है। लोग अपनी कमाई का यह कि एक एक रुपया बचाने के लिए मजबूर हो गए हैं। फालतू खर्चा तो दूर की बात है। यहां तक कि अपने जीवन को सुरक्षित रखने के लिए किए जाने वाले बीमे में भी पैसा देने की उनकी हिम्मत नहीं है।

कई लोग तो इतने मजबूर हो गए हैं कि अभी अपने रिटायरमेंट के बाद के लिए बचाए गए पैसे को भी अभी खर्च कर रहे हैं क्योंकि उनके पास अभी आमदनी का कोई और जरिया बंद हो गया है। उनकी नौकरी चली गई है या फिर सैलरी ना के बराबर मिल रही है।

कोरोनावायरस के प्रसार और उसे रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन से आए व्यवधान के कारण जीवन बीमा उद्योग को 40 लाख पॉलिसी और 45,000 करोड़ रुपये प्रीमियम गंवाना पड़ा है।

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रबंध निदेशक राज कुमार ने कहा, ‘कुल मिलाकर जीवन बीमा उद्योग ने 40 लाख पॉलिसियां गंवाई है और नए कारोबार से आने वाले 15,000 करोड़ रुपये प्रीमियम का नुकसान हुआ है। लॉकडाउन होने के बाद से लोगों ने अपनी जरूरतों के लिए पैसे बचाने शुरू कर दिए। ऐसे में इस उद्योग में पॉलिसी के नवीकरण के करीब 30,000 करोड़ रुपये नहीं आए।’

परंपरागत रूप से मार्च महीने का दूसरा पखवाड़ा बीमा कारोबार के हिसाब से बहुत बेहतरीन माना जाता है और पूरे कारोबार का करीब 15 से 18 प्रतिशत प्रीमियम इस दौरान आता है। जीवन बीमा उद्योग के प्रीमियम में मार्च से लगातार 4 महीने तक कमी आई है। लेकिन उद्योग को लगता है कि जुलाई से स्थिति पटरी पर आ जाएगी और इसके साथ ही लोगों की बीमा में दिलचस्पी भी बढ़ेगी।

दूसरी तरफ कोरोना संकट की घड़ी में कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO से पैसा निकाल रहे हैं।

केंद्र सरकार ने सोमवार को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में बताया कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च से लेकर 31 अगस्त के बीच EPFO सदस्यों (EPF Members) ने 39400 करोड़ रुपए निकाले

सबसे ज्यादा पैसे महाराष्ट्र के लोगों ने पैसे निकाले

श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने लिखित जवाब में बताया कि 25 मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020 के बीच EPF से 39402.94 करोड़ रुपए निकाले गए।

इसमें सबसे ज्यादा राशि (7837.85 करोड़ रुपए) महाराष्ट्र में निकाली गई।

कर्नाटक के लोगों ने ईपीएफ अकाउंट से 5743.96 करोड़ रुपए

तमिलनाडु-पुडुचेरी ने 4984.51 करोड़ रुपए निकाले।

इसमें से 40 फीसदी से अधिक महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक के तीन औद्योगिक राज्यों से है।

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