
महामारी के बीच हुए संसद के मानसून सत्र के पहले दिन तमाम परंपराएं, औपचारिकताएं और अनौपचारिकताएं गायब दिखी।
सीट पर बैठकर भाषण
इस अजीबोगरीब मानसून सत्र में सांसद चेहरे पर मास्क लगाकर सदन में सीट पर बैठकर ही सदन को संबोधित करते हुए दिखे।
एक बेंच पर अधिकतम 2 सदस्य बैठे गए थे सामने सांसदों के बीच पॉलीकार्बोनेट की सीट लगी हुई थी।
वेल में कोई नहीं घुसा
सभापति का आसन यानी वेल के सामने से सदस्य दूर ही दिखे जहां आमतौर पर विपक्ष के सांसद बात-बात पर हंगामा करने के लिए पहुंचा करते थे, अब विरोध करने के नाम पर अपनी सीट से ही बैठकर चिल्ला रहे थे।
नहीं लड़ा कभी चुनाव पर लोकसभा में बैठने का मिला मौका
सुबह लोकसभा की कार्यवाही 4 घंटे और दोपहर में राज्यसभा की कार्यवाही भी 4 घंटे चली। दोनों हाउस के सांसद दोनों चैंबर्स में बैठे इसलिए ही दोनों सदन की कार्यवाही का समय अलग अलग रखा गया था। कुछ सांसद तो इस सीट अरेंजमेंट को लेकर यह कहते हुए मजाक करते दिखे कि चलो इस बहाने कुछ राज्यसभा सांसद को लोकसभा में भी बैठने का मौका मिल गया।
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू भी इसी तरह का मजाक करते हुए बोले, जो सांसद कभी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़े वह आज लोक सभा में बैठने के मौके का लाभ उठा रहे हैं।
सदन की गैलरी जो आमतौर पर सांसदों के परिवार के सदस्यों मीडिया आदि के लिए आरक्षित होती थी, उन पर सोशल डिस्टेंसिंग यानी एक दूसरे से दूरी बनाने के लिए सांसदों को बिठाया गया था।
उधम कोलाहल गायब
सत्र के पहले दिन होने वाली उधम, कोलाहल, हंगामा, नारेबाजी शोर शराबा इस बार बिल्कुल नहीं दिखा। इस बार तो सदन के अंदर भी सदस्यों ने एक दूसरे को सत्र के पहले दिन आने के लिए बधाई भी नहीं दी।
कोई गपशप नहीं
आमतौर पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद एक दूसरे की सीट पर आकर बधाई देते थे। हाथ मिलाते थे और हंसी मजाक किया जाता था। गपशप भी होती थी लेकिन इस बार कोई अपनी सीट से उठकर अपनी सीमा से आगे नहीं बढ़ा, क्योंकि ऐसा करने की अनुमति भी नहीं थी।
लोकसभा में अटेंडेंस अच्छी रास से बुजुर्ग गायब
लोकसभा में सदस्यों की हाजिरी अच्छी खासी दिखी जबकि राज्यसभा जोकि हाउस ऑफ एल्डर्स यानी वरिष्ठों का सदन माना जाता है। वहां कई बुजुर्ग सदस्य सदन की कार्यवाही से दूर रहे। लेकिन लोकसभा में बुजुर्ग नेता समाजवादी पार्टी के पूर्व मुखिया मुलायम सिंह यादव बीमार होने के बावजूद सदन में पहुंचे।
टीएमसी सांसद की निर्मला पर टिप्प्णी
हालांकि सदन के दौरान आमतौर पर टीका टिप्पणियों को लेकर होने वाला हंगामा इस बार नजर नहीं आया, लेकिन जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पहनावे पर टिप्पणी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच में नोकझोंक देखने को मिली।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के विरोध के बाद रॉय की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया।
वही लोकसभा में विपक्ष के सांसदों ने प्रश्नकाल को स्थगित करने के मुद्दे पर भी हंगामा किया।
सरकार ने दलील दी कि अगर सदन में प्रश्नकाल किया जाता है तो इससे सोशल डिस्टेंसिंग के दिशा निर्देश का पालन नहीं हो पाएगा क्योंकि इसको करवाने में स्टाफ की जरूरत होगी हालांकि कांग्रेस के सांसद श्री रंजन चौधरी ने इसे लोकतंत्र का गला घुटने का काम बताया।
शून्य काल की अवधि भी छोटी की गई जबकि प्राइवेट मेंबर बिल की परंपरा को भी खत्म कर दिया गया।
पहली बार दोनों सदनों की कार्यवाही सप्ताहांत यानी शनिवार, रविवार में भी होगी ताकि सांसद दिल्ली छोड़ कर अपने संसदीय क्षेत्र में ना जाए इस बार सदन 18 दिन का चलेगा और बीच में कोई ब्रेक नहीं होगा।
सदन के अंदर सांसदों के बैठने की अलग अलग व्यवस्था की गई थी 50 फ़ीसदी सदस्यों को मुख्य चेंबर में बिठाया गया था जबकि बाकियों को दूसरे जगह बिठाया गया था।
हर चेंबर में 85 इंच की डिस्प्ले स्क्रीन और चार गैलरी में 40 इंच की 6 डिस्प्ले स्क्रीन लगाई गई थी ताकि सदस्य आसानी से सदन की कार्यवाही को देख सकें।
सांसद कागज नहीं टैब फोन पर लाए भाषण
आमतौर पर सांसद अपने भाषणों को लेकर काफी साथ कागजात के साथ आते हैं लेकिन कोविड-19 के इस दौर में वह भी कागजों को छूने से बचें और अपने भाषण कोई स्मार्टफोन या टैब पर लोड करके लाए।
मोबाइल एप से अटेंडेंस
पहली बार सांसद की हाजिरी मोबाइल ऐप से में दर्ज कराई गई।
सरकार ने पहले दिन अपने दो बिल पास करवाए
लोकसभा के मॉनसून सेशन में आयुष मंत्रालय के दो बिल सर्वसम्मित से पास कर दिए गए. लोकसभा में नेशनल कमीशन फॉर होम्योपैथी बिल 2020 और नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन बिल 2020 को पास कर दिया गया।