
Jharkhand : मामला एक सितंबर का है. इससे पहले झारखंड के कुंडा थाने में गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे,(nishikant dubey) मनोज तिवारी (manoj tiwari ) समेत 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी. ये केस देवघर एयरपोर्ट के सुरक्षा प्रभारी सुमन आनंद (suman anand) की शिकायत पर दर्ज किया गया था. आरोप है कि देवघर में निशिकांत और मनोज तिवारी बिना अनुमति के हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) रूम में घुस गए.
मामला एक सितंबर (september) का है. इससे पहले झारखंड के कुंडा थाने में गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी समेत 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी. ये केस देवघर एयरपोर्ट के सुरक्षा प्रभारी सुमन आनंद की शिकायत पर दर्ज किया गया था. आरोप है कि देवघर में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी बिना अनुमति के हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) रूम में घुस गए और कथित तौर पर एयरपोर्ट के अधिकारियों को चार्टर्ड प्लेन के टेक-ऑफ (take off ) की मंजूरी के लिए दबाव (pressure/force) डाला.
दुमका (dumka) के पीड़ित परिवार से मिलने गए थे बीजेपी (BJP) नेता
बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और कपिल मिश्रा एक सितंबर को चार्टर्ड प्लेन से देवघर पहुंचे थे. बीजेपी का ये प्रतिनिधिमंडल दुमका में जिंदा जलाई (burnt alive) गई छात्रा अंकिता (ankita) के परिजन से मुलाकात करने गया था. दुमका से लौटने के बाद बीजेपी नेता देवघर एयरपोर्ट पहुंचे. यहां शाम 6 बजे तक ही उड़ान की इजाजत थी, लेकिन सांसद पर जबरन शाम 5.30 बजे क्लीयरेंस (clearance) लेने का आरोप लगाया गया और मामला थाने तक पहुंच गया. प्राथमिकी में देवघर एयरपोर्ट के निदेशक संदीप ढींगरा का भी नाम है.
हमें अंदर जाने का अधिकार है
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि डीसी के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज की गई है क्योंकि वे बिना किसी अधिकार के ATC में घुस गए थे. तिवारी ने कहा कि ‘हमने सीसीटीवी फुटेज को अवैध रूप से एक्सेस करने पर देवघर डीसी के खिलाफ जीरो प्राथमिकी दर्ज करवाई है. इस तरह के फुटेज को पुनः प्राप्त करने की एक प्रक्रिया है, जिसका पालन नहीं किया गया था. हमने कुछ भी गलत नहीं किया. निशिकांत दुबे देवघर एयरपोर्ट एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष हैं. वे स्वतंत्र रूप से एयरपोर्ट में प्रवेश कर सकते हैं. मैं स्थायी समिति का सदस्य हूं. मुझे भी एयरपोर्ट में प्रवेश करने का अधिकार है.
उन्होंने कहा- ‘देवघर एयरपोर्ट CISF के नहीं, बल्कि स्थानीय प्रशासन के अंतर्गत आता है. हम इससे इनकार नहीं कर
रहे हैं. हम उन क्षेत्रों में प्रवेश कर चुके हैं लेकिन हमारे पास ऐसा करने का अधिकार है.