
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा देते समय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना की थी। इस बीच सूत्रों ने बताया है कि गुलाम नबी आजाद नई पार्टी बना सकते हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह अपने गृह क्षेत्र से अपनी पार्टी शुरू करना चाहते हैं। फिलहाल कांग्रेस में इस बात की चर्चा शुरू हो गयी है कि पार्टी में अब अगला कौन नेता है जो बगावत करने जा रहा है। असल में पिछले दिनों ही जेपी नड्डा की आनंद शर्मा के साथ दिल्ली में बैठक हुई थी।
कुछ दिन पहले गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वह जल्द ही कांग्रेस को अलविदा कहने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर में इस साल के अंत तक चुनाव हो सकते हैं।
गुलाम नबी के समर्थन में कांग्रेस से नेता दे रहे हैं इस्तीफा
आजाद के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह जम्मू-कश्मीर में चुनाव से पहले क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के इच्छुक हैं। गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद घाटी में कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। पूर्व विधायक जीएम सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इनके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आरएस चिब ने भी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने की आलोचना
73 वर्षीय नबी आजाद ने आज सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि अध्यादेश फाड़ने पर राहुल गांधी का बचकाना व्यवहार बड़ी अपरिपक्वता है। साथ ही आजाद ने कहा कि उन्होंने अनुभवहीन चाटुकारों के एक घेरे को पार्टी चलाने की अनुमति दी थी। अब राहुल गांधी के पीए और सुरक्षाकर्मी फैसला लेते हैं। गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को लिखे अपने इस्तीफे में कहा, ‘दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में प्रवेश करने के बाद और विशेष रूप से जनवरी 2013 के बाद जब आपने उन्हें वीपी के रूप में नियुक्त किया, तो उनके द्वारा पहले से मौजूद पूरे परामर्श तंत्र को खत्म कर दिया गया।
कांग्रेस ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप
कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद के पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद करार दिया लेकिन यह भी आरोप लगाया कि आजाद ने पार्टी के साथ विश्वासघात किया और उनका रिमोट कंट्रोल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को आजाद पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘जीएनए’ (गुलाम नबी आजाद) का डीएनए ‘मोदी-मे’ बन गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रही है और इस्तीफे में कही गई बातें तथ्यात्मक नहीं हैं, इसका समय भी सही नहीं है।
गुलाम नबी ने की पीएम मोदी की तारीफ
पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व राज्यसभा सदस्य आजाद कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक थे और जम्मू-कश्मीर में पार्टी का चेहरा थे। वह उन गिने-चुने नेताओं में से हैं जिन्हें पूरे विपक्ष से सम्मान मिलता है। पिछले साल गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा में विदाई के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे। नबी आजाद ने बाद में जम्मू में एक भाषण के दौरान पीएम मोदी की तारीफ की और कहा कि वह शीर्ष पद संभालने के बाद भी अपनी जड़ों को नहीं भूले हैं।