GST Council: राज्यों को सैलरी देने के पड़ सकते हैं लाले..

GST Council: राज्यों को सैलरी देने के पड़ सकते हैं लाले..
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वित्त मंत्रालय के राज्यों को जीएसटी से फंड नहीं देने के कारण राज्यों को अपने खर्चे पूरे करने में परेशानी हो सकती है। कई राज्यों में तो सरकारी विभाग के कर्मचारियों को सैलरी देने तक के लाले पड़ सकते हैं। दूसरी ओर जीएसटी परिषद की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया कि जीएसटी कलेक्शन में जो कमी हुई है। उसके लिए राज्यों को ही कर्ज़ लेना होगा।
ख़ास बात ये है कि टैक्स को लेकर जो नया कानून बना था उस वक्त केंद्र सरकार ने राज्यों को आश्वासन दिया था कि जीएसटी लागू करने से जो कर की कमी राज्यों को होगी उसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी। लेकिन कोरोना महामारी ने इस गारंटी को भी संश्य में डाल दिया है। जीएसटी कलेक्शन में भारी भरकम 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी हो गई है। ऐसे में राज्यों को इस जीएसटी कलेक्शन के हिस्से में भी कमी आई है। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके हिस्से को जारी नहीं किया है। इससे राज्यों के पास पैसे की भारी कमी हो गई है। इसी कारण से दिल्ली समेत कई राज्यों को अपने पैसे का इंतज़ाम करने के लिए शराब पर अधिक टैक्स लगाना पड़ा। अपने राज्यों की पैसे स्थिति को कई राज्यों से साफ तरीके से वित्त मंत्रालय के सामने रखा है। केरल ने तो ये तक कहा कि जीएसटी के कारण राज्यों को जो घाटा हुआ है। उसकी भरपाई केंद्र सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। सूत्रों के मुताबिक पंजाब में कई विभागों के कर्मारियों को सैलरी देने में देरी हो रही है। इसके पीछे भी जीएसटी कलेक्शन में कमी ही जिम्मेदार है। कोरोना और लॉकडाउन की वजह से बिजनेस एक दम ठप्प हो गया था। इससे केंद्र और राज्यों को मिलने वाले टैक्स में भारी कमी हो गई है। यही वजह है कि केंद्र सरकार इस टैक्स की कमी को पूरा करने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों ख़ासकर पेट्रोल डीज़ल पर टैक्स बढ़ा रही थी, ताकि टैक्स की कमी की भरपाई की जा सके।

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