
हाथरस को लेकर देशभर में जातीय हिंसा फैलाने का एक बड़ा खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में सोमवार रात पुलिस ने चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके सहयोगी कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) से जुड़े चार लोगों को पकड़ा है। जिनके पास से हाथरस गैंगरेप मामले से जुड़ा भड़काऊ साहित्य मिला है। इनके मोबाइल, लैपटॉप जब्त किए गए हैं। दरअसल जिस तरह से एंटी सीएए के खिलाफ माहौल बनाया गया था.। उसी तर्ज पर हाथरस को भी हिन्दुओं को जातियों के आधार पर बांटने की कोशिश के लिए फंड का इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां आरोपियों से पूछताछ में जुटी हैं। पुलिस ने हाथरस के बहाने यूपी में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश का खुलासा रविवार को ही किया था। इसमें PFI का नाम भी सामने आया था।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया, “कुछ संदिग्ध लोगों के दिल्ली से हाथरस आने की जानकारी मिली थी। इस इनपुट पर इंटेलीजेंस एजेंसियों और हाथरस से लगे सभी इलाकों में अलर्ट कर दिया गया था।”
“सोमवार रात करीब 11 बजे मथुरा में टोल प्लाजा पर वाहनों की चेकिंग की जा रही थी। इस दौरान एक स्विफ्ट डिजायर कार (DL 01 ZC 1203) को रोका गया। कार में 4 लोग थे। पूछताछ के दौरान इनकी हरकतें संदिग्ध लगीं। इन्हें हिरासत में लेकर तलाशी ली गई और पूछताछ की गई तो पता चला कि ये PFI और CFI से जुड़े हैं।”
गिरफ्तार आरोपियों में मुजफ्फरनगर का अतीक, बहराइच का मसूद अहमद, रामपुर का आलम और केरल के मल्लपुरम का सिद्दीक शामिल हैं। सुरक्षा एजेंसियां इस बात का पता लगा रही हैं कि हाथरस के बहाने उत्तर प्रदेश में दंगे भड़काने की साजिश में और कौन-कौन शामिल है।