
हाथरस में रोज नए खुलासे हो रहे हैं, पुलिस को अब एक महिला की तलाश है जोकि पीडिता के घर पर भाभी बनकर रह रही थी और मीडिया में परिवार की तरफ से बयान दे रही थी। ये मामला इतना बड़ा हो गया है कि ट्विटर पर ट्रैंड कर रहा है। दरअसल में हाथरस के बूलगढ़ी गांव में दलित लड़की के घर पर छत्तीसगढ़ से आकर एक महिला चार दिन तक रही जोकि लड़की की भाभी बनकर मीडिया से बयान दे रही थी। आरोप है कि पहचान छुपाने के लिए वो लगातार घुंघट में रही।
पुलिस की एसआईटी टीम अब इस युवती की तलाश कर रही है। एसआईटी के सूत्रों के मुताबिक ये महिला कई दिनों तक पीडित परिवार के साथ रही और कभी अपने को परिवार की बहन तो कभी भाभी बनकर मीडिया के साथ बात करती रही। इस दौरान कई बार वो घुंघट में तो कई बार बिना घुंघट के भी मीडिया के सामने आई। यही महिला घुंघट ओढ़कर पुलिस और एसआईटी टीम से भी बात कर रही थी। साथ ही परिवार को भी भड़का रही थी। बाद में जब पुलिस ने जांच की तो पाया कि इस महिला का परिवार के साथ कोई संबंध नहीं था। एसआइटी टीम की जांच में सामने आया है कि हाथरस के 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर ‘भाभी’ ने बड़ी साजिश रची। माना जा रहा है कि भाभी के नक्सली कनेक्शन हैं। इसी ने इस केस में बड़ी साजिश रची थी। एसआईटी की टीम मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली महिला की तलाश में जुटी है। इसी बीच नक्सली होने का आरोप लगने पर डॉक्टर राजकुमारी बंसल मीडिया के सामने एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार से मेरा कोई रिश्ता नहीं है, मैं केवल आत्मीयता के तौर पर हाथरस के बूलगढ़ी गांव में पीड़िता के घर गई थी। राजकुमारी बंसल ने बताया कि इस दौरान पीड़ित परिवार को अच्छा लगा कि हमारे समाज की एक लड़की इतने दूर से आई है तो उन्होंने कहा कि बेटा एक दो दिन रूक जाओ। उनके अनुरोध पर मैं रूक गई।