कोरोना के बीच NEET और JEE मेन एक्सज़ाम देने में सोशल डिस्टेंसिंग पर होगा फोकस

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को NEET और JEE मेन 2020 प्रवेश परीक्षाओं को टालने की याचिका खारिज कर दी। अब JEE मेन 1 से 6 सितंबर को जबकि NEET 13 सितंबर को अपने पुराने शड्यूल के मुताबिक ही होगी। ऐसे में जबकि ये परिक्षाएं कोरोना के समय पर हो रही हैं तो इसको देखते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने परिक्षा के लिए गाइडलाइंस तैयार की हैं।
कोरोना काल में देश के सबसे बड़ी परिक्षाओं में से दो परिक्षाओं को कराना एनटीए के लिए मुश्किल काम होगा। इस बारे में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के डायरेक्टर विनीत जोशी ने बताया कि देश की सबसे बड़ी परीक्षा है। इस बारे में हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती परीक्षा देने वाले बच्चों को संक्रमण से बचाने की है। इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग करनी होगी।
जोशी का कहना है कि इस बार हमें पिछली बार से दो गुना ज्य़ादा कमरे चाहिए। इसके लिए हमने बड़ी संख्या में स्कूल, कॉलेज और इंस्टीट्यूट से संपर्क किया है। पिछली बार से ज्यादा सेंटर बना रहे हैं। एनटीए ने इस बार JEE मेन परीक्षा के लिए 600 सेंटर बनाए हैं, पिछली बार 450 सेंटर बनाए गए थे। नीट के लिए तकरीबन 4000 सेंटर बनाए गए हैं। पिछली बार 2500 सेंटर बनाए गए थे।
महामारी की वजह से परीक्षा सेंटर पर एक ही समय पर सभी छात्र न पहुंचे, इसके लिए एडमिट कार्ड में कोरोना गाइडलाइन का जिक्र किया जाएगा। ताकि छात्रों को नए नियमों की जानकारी मिल सके।
हर छात्र के एडमिट कार्ड पर लिखा होगा कि उसे परीक्षा हाल में कब इंट्री करना है। सेंटर्स पर कब पर पहुंचना। इस बार सभी छात्रों को अलग-अलग समय पर सेंटर्स पर पहुंचना होगा, ताकि सेंटर्स पर अचानक भीड़ न हो।
परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले तक परीक्षा हॉल को पूरी तरह से बैरिकेडिंग के जरिए सील रखा जाएगा। उन्हीं छात्रों को हॉल में जाने की अनुमति होगी, जिनका उस कमरे में रोल नंबर होगा।
छात्रों के लिए परीक्षा सेंटर पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर की भी व्यवस्था होगी। तापमान ज्यादा होने पर परीक्षा से रोका जा सकता है।
कंटेनमेंट जोन में परीक्षा का एडमिट कार्ड गेट पास का काम करेगी। स्थानीय प्रशासन को इसके बारे में पहले से सूचित किया जाएगा।
परीक्षा सेंटर्स पर सैनिटाइजर की पूरी व्यवस्था होगी। सभी सेंटर्स को परीक्षा शुरू होने से पहले सैनिटाइज किया जाएगा।
हर एक छात्र की हाइजीन का ध्यान रखा जाएगा। परीक्षा सेंटर्स पर तैनात प्रशासनिक कर्मचारियों और अध्यापकों के हाइजीन का भी ध्यान रखा जाएगा।
स्टूडेंट्स के पैरेंट्स को सेंटर्स से दूर रखा जाएगा। सिर्फ कुछ मामलों में ही पैरेंट्स को परीक्षा हाॅल तक आने की अनुमति मिलेगी, जैसे यदि कोई छात्र दिव्यांग है या किसी छात्र की तबियत ठीक नहीं है।
दरअसल हर बार की तरह इस बार इन परीक्षाओं में करीब 11 लाख छात्र छात्राएं परीक्षा दे रहे हैं, लेकिन कुछ छात्रों ने कोरोना के कारण इस परीक्षा को रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। उनका कहना था कि संक्रमण होने की संभावना के चलते ये परीक्षा रद्द की जानी चाहिए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका रद्द कर दी है।

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