
कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार कोरोना वैक्सीन को जल्द ही अप्रूव कर सकती है। हालांकि ये अप्रूवल सिर्फ बुढ़े और फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स के लिए हो सकता है। हालांकि अभी तक इसके लिए कोई डेट फिक्स नहीं हुई है। दरअसल अभी तक जो वैक्सीन ट्रायल चल रहे हैं वो ज्य़ादातर दूसरे फेस के चल रहे हैं। तीसरे चरण का सिर्फ एक ट्रायल चल रहा है। ऐसे में दिसंबर जनवरी से पहले कोई वैक्सीन आने की संभावना कम ही है। इसलिए विशेष परिस्थितियों को देखते हुए वैक्सीन का अप्रूवल जल्दी भी हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक अभी तक के ह्यूमन ट्रायल्स के रिजल्ट बेहतर रहे हैं। तीन वैक्सीन जिनके ट्रायल चल रहे हैं। उनको अब बड़े स्तर पर करने की तैयारी चल रही है। साथ ही मंत्रालय ने इन तीनों कंपनियों को ही बड़ी संख्या में डोज़ उत्पादन के लिए भी कह दिया है। साथ ही राज्यों और जिलों के साथ भी केंद्र सरकार इन टीकों को लगाने के काम में लग गई है। जैसे ही वैक्सीन का अप्रूवल आएगा। तुरंत ही इनका बड़ी संख्या में उत्पादन भी शुरू हो जाए। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उम्मीद जताई है कि अगले साल मार्च से पहले वैक्सीन तैयार हो जाएगी।
भारत में वैक्सीन की अपडेट:
सीरम इंस्टिट्यूट
वैक्सीन बनाने की दौड़ में सबसे आगे जो कंपनी है वो सीरम इंस्टिट्यूट है। जोकि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर ‘कोविशील्ड’ नाम से वैक्सीन बना रही है। देश के 17 शहरों में इस वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है, इसमें 18 साल से ज्यादा उम्र वाले करीब 1600 लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक यह वैक्सीन भारतीय लोगों को मिल सकती है।
जायडस कैडिला
अहमदाबाद की फार्मा कंपनी जायडस कैडिला भी कोरोना की वैक्सीन बना रही है। इसे ‘जायकोव-डी’ नाम दिया गया है। इस वैक्सीन का दूसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। कंपनी के मुताबिक पहले चरण में वैक्सीन सुरक्षित पाई गई है। जिन लोगों को यह वैक्सीन दी गई थी उन्हें सात दिनों तक डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था। कई विशेषज्ञों ने भी इस वैक्सीन को सुरक्षित बताया है।
भारत बायोटेक
भारत बायोटेक-आईसीएमआर(Bharat Biotech-ICMR) द्वारा विकसित कोवाक्सिन(Covaxin)। कोवाक्सिन का ट्रायल दिल्ली, हरियाणा, झारखंड और कई जगहों पर चल रहा है। पहले चरण में ये वैक्सीन सुरक्षित रही थी। अब दूसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं। ऐसे में दूसरे चरण के बाद ये साफ हो जाएगा कि कितने समय में ये वैक्सीन लांच की जा सकती है।