
चीन के साथ अब भारतीय सेना आक्रामकता के साथ लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार है। जहां एक ओर भारतीय सेना ने अपने 20 हज़ार से ज्य़ादा सैनिक मोर्चे पर लगा दिए है। वहीं दूसरी ओर भारतीय वायुसेना ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। खुद थलसेनाध्यक्ष एम एम नरवने और वायुसेनाध्यक्ष आर एस भदौरिया ने तैयारियों का जायजा लिया है। इससे साफ है कि भारत एक लंबी लड़ाई के लिए तैयार है। जहां पहले चीन के साथ भारत किसी भी टकराव पर कदम पीछे खींच लेता था, वहीं अब वो उतनी ही आक्रामकता के साथ चीन को जवाब दे रहा है। जानकारों के मुताबिक इससे चीन परेशान नज़र आ रहा है।
जानकारों के मुताबिक दक्षिणी पैंगांग में 20-30 अगस्त को जो हुआ उसके बाद भारतीय सेना के हौंसले बुलंद है। चीन के साथ जो परिस्थियां बन रही है। उसको देखते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत दोवल, चीफ ऑफ डिफेंस बिपिन रावत, जनरल एम एम नरवने और वायुसेनाध्यक्ष आर एस भदौरिया ने एक बैठक की थी। इसके बाद ही सीमा पर सैनिकों की हौसलाअफजाई और स्थियों का आकंलन करने के लिए खुद जनरल नरवने और एयरचीफ मार्शल भदौरिया मैदान में उतरें हैं। लद्दाख फ्रंट पर सेना ने अपनी वो टुकड़ियां लगा दी है जोकि ऐसे बर्फीले पहाड़ों पर लड़ाई के लिए विशेषज्ञ है। इनको स्पेशल फ्रंटीयर फोर्स कहा जाता है। इसके साथ ही मैक्नाइज्ड फोर्स भी लगाई गई है। ताकि पीएलए को ठीक तरीके से जवाब दिया जा सके। फौज के अतिरिक्त बलों को भी को भी लद्दाख और चीन से लगी बाकी सीमा पर लगा दिया गया है। दूसरी ओर पूर्वी फ्रंट पर हवाई अड्ड़ों और लड़ाई के जहाजों की तैयारियां खुद एयरचीफ मार्शल देख रहे हैं। दरअसल भारत में पहली बार सेना की इतनी बड़ी तैयारी हो रही है। वो भी चीफ ऑफ डिफेंस के आने के बाद लिहाजा अब सेना के सभी अंगों में एक बेहतर तरीके का समन्वय नज़र आ रहा है।