
सुशांत सिंह राजपूत हत्या का केस कहीं आरुषि तलवार जैसा ना बनकर रह जाए। इसकी परेशानी सीबीआई अधिकारियों के माथे पर साफ नज़र आ रही हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट से फैसले के तुरंत बाद ही सीबीआई हरकत में आई और एक टीम ने मुंबई में डेरा डाल दिया है। अब सीबीआई ये जानने की कोशिश कर रही है कि क्या सुशांत सिंह राजपूत का मर्डर हुआ है या फिर उन्होंने आत्महत्या की है। इसके लिए सीबीआई ने जहां एक ओर मुंबई पुलिस से जुड़े सारे दस्तावेज अपने कब्जे में लिए तो दूसरी ओर सुशांत के कुक नीरज और साइमन मिरांडा के बयान भी दर्ज किए।
आज सुबह सीबीआई की टीम ने सबसे पहले मुंबई पुलिस से इस केस से जुड़े सारे दस्तावेज अपने कब्जे में लिए। ये वही दस्तावेज हैं जिनको मुंबई पुलिस बिहार पुलिस से छुपा रही थी और इसी कारण से बिहार के एक आईपीएस अधिकारी को क्वारटींन कर दिया था। हालांकि ये कहना बहुत ही मुश्किल होगा कि इन दस्तावेजों में क्या गायब हो गया है। चूंकि मामले की जांच दो महीने से जारी है और ऐसे में कौन कौन से सबूत गायब हो गए हैं। ये कहना मुश्किल है।
जानकारों के मुताबिक चूंकि इससे पहले आरूषि तलवार मामले में भी सीबीआई जांच से पहले बहुत से सुबूत मिटा दिए गए थे। ऐसे में उस केस में भी सीबीआई जांच में तलवार दंपति को कातिल साबित नहीं कर पाई थी और क्राइम में ईशारों के आधार पर इस केस को आगे बढ़ाया था। अब सुशांत सिंह राजपूत का केस भी कहीं आरूषि तलवार जैसा ना हो जाए। इसके लिए सीबीआई को सुबूतों को तुरंत ही ढूंढना होगा। ताकि गुनहगारों को सज़ा दिलवाई जा सके।