सवालों के घेरे में रूस की कोरोना वैक्सीन

सवालों के घेरे में रूस की कोरोना वैक्सीन
0 0
Read Time:2 Minute, 54 Second

रूस के कोरोना वैक्सीन के असर को लेकर कई कंपनियों ने संदेह जाहिर किया है। हालांकि ये वो कंपनियां ही हैं, जिनकी वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में चल रहा है। इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स ने भी शुरूआती कोरोना वैक्सीन के असर को लेकर अपना संदेह जताया था। रूस की कोरोना वैक्सीन को लेकर जिन कंपनियों ने संदेह उठाया है। उनमें अमेरिकी कंपनियां सबसे आगे हैं। हालांकि डब्लूएचओ ने भी अभी इस वैक्सीन को क्लीन चिट नहीं दी है। बल्कि इस वैक्सीन के डेटा की समीक्षा करने की बात कही है।
अमेरिका की कई कंपनियां कोरोना वैक्सीन के लिए काम कर रही थी। कुछ कंपनियों का ह्यूमन ट्रायल भी चल रहा था। अमेरिका की फाइज़र, मॉडेरेना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने इस वैक्सीन को लेकर सवाल खड़े किए हैं। इन कंपनियों ने कहा है कि रूस ने वैक्सीन तैयार करने को लेकर कुछ मापदंडों को पूरा नहीं किया है। इससे आम लोगों को कुछ परेशानियां हो सकती हैं। दरअसल नौ महीने पहले ही कोरोना ने महामारी का रूप लिया है। इससे पहले ये बीमारी थी ही नहीं। ऐसे में कुछ ही महीनों में वैक्सीन तैयार करना इससे पहले कभी हुआ ही नहीं था। खुद कई दवा और वैक्सीन कंपनियों ने जल्दबाजी में तैयार की गई वैक्सीन के असर को लेकर सवाल खड़े किए थे। ऐसे में रूस की स्पूटनिक-5 को लेकर सवाल खड़े होना लाज़मी ही है। न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस की इस वैक्सीन ने सिर्फ दो स्टेज़ के ही ट्रायल पूरे किए हैं। जबकि सबसे मुश्किल स्टेज़ तीसरा चरण होता है। जिसमें एक बड़े वर्ग पर किसी भी वैक्सीन का ट्रायल किया जाता है। इस तीसरे रिज्लट से पहले ही रूस ने दूसरे चरण के आधार पर ही वैक्सीन की घोषणा कर दी है। इसलिए इस वैक्सीन को लेकर कई कंपनियों ने संदेह खड़ा किया है। हालांकि रूस के राष्ट्रपति व्लादमिर पुतिन ने इस वैक्सीन को लांच किया है और अपनी बेटियों को पहला टीका लगवाया है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *