
कंगना रनोट के मुंबई पहुंचने के बाद मुंबई की राजनीति गर्म हो गई है। शिवसेना के कंगना का दफ्तर तुडवाने के बाद महाराष्ट्र में लगभग सभी पार्टियों ने इस मुद्दे पर बयानबाजी की है। जहां खुद कंगना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ललकारते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे तुझे क्या लगता है कि तूने मेरा घर तोड़कर बहुत बड़ा बदला ले लिया। आज मेरा घर टूटा है कल तेरा घमंड टूटेगा।
जानकार मानते हैं कि कंगना मामले को तूल देकर शिवसेना ने अच्छा नहीं किया। इससे सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा है। इसलिए मामले में पहली बार खुद राकांपा प्रमुख शरद पवार () को सामने आना पड़ा उन्होंने अभिनेत्री कंगना का नाम लिए बिना कहा कि उनके बयानों को अनुचित महत्व दिया जा रहा है। लोग उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। लोग पुलिस के काम को जानते हैं। इसलिए हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है कि कोई क्या कहता है।
दूसरी ओर बीजेपी ने इस बदले की कार्रवाई बताया। महाराष्ट्र पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि किसी ने आपके (उद्धव ठाकरे) खिलाफ बात कही इसलिए अगर आप तब कार्रवाई करते हो तो ये कायरता है बदले की भावना है और महाराष्ट्र में इस तरह की भावना का कोई सम्मान नहीं हो सकता है
आरपीआइ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athavle) ने कहा कि बीएमसी के अधिकारियों की कार्रवाई ठीक नहीं थी। मुंबई में कंगना को डरने की जरूरत नहीं है। संजय राउत ने जो शब्द प्रयोग किए थे वह सही नहीं था। आप कंगना का मुंह तोड़ने की बात कहते हैं। बेहतर होगा कि आप चीन और पाकिस्तान का मुंह तोड़ें। एक महिला के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग उचित नहीं है। महाराष्ट्र के मंत्री नितिन राउत ने कहा कि कंगना रनौत एक अभिनेत्री हैं उनकी बयानबाजी को महत्व देना मुनासिब नहीं है।