
हरेन्द्र नेगी
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ आपदा में काल कलवित हुए लोगों के नर कंकालों की फिर से ढूंढखोज कर डीएनए लिया जायेगा। इसके लिए पुलिस की दस टीम गठित की गई हैए जो विभिन्न ट्रेकिंग रूटों पर नर कंकालों की ढूंढखोज करेगी। पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर इन टीमों को केदारनाथ धाम से 16 सितम्बर को रवाना करेंगे। टीम में स्थानीय लोगों को भी शामिल किया गया हैए जो इन ट्रेकिंग रूटों की जानकारी रखते हैं।
16ध्17 जून 2013 को केदारनाथ से आई प्रलयकारी आपदा ने सबकुछ तबाह करके रख दिया था। आपदा में हजारों की जान गई तो आशियानें तिनके की तरह बिखर गये। आपदा से उभरने में केदारघाटी के लोगों को काफी लम्बा समय लगा है। धीरे.धीरे लोग अपने पुराने कामों में जुटने शुरू हो गये हैं और उस भयानक मंजर को भुला चुके हैए मगर आज तक यह सवाल सबके जेहन में है कि केदारनाथ आपदा में कितने लोगों ने अपनी जान गंवाई। इसके पुख्ता प्रमाण किसी के पास नहीं हैंए मगर यह कहा जाता है कि दस हजार के करीब लोग इस आपदा का शिकार हुए हैंए जिनमें चार हजार के करीब लोगों के शवों को ढूंढा गयाए जबकि आपदा के बाद सैकड़ों नर कंकाल अब तक मिल चुके हैं।
आपदा के समय हजारों की संख्या में लोगों ने जंगलों में जाकर अपनी जान को बचाने का प्रयास किया थाए मगर वे रास्ता भटक गए और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी। ऐसे में हर साल इनके नर कंकालों की खोजबीन की जा रही है। केदारनाथ आपदा को सात साल का समय हो चुका है और आज भी आपदा का शिकार हुए लोगों के नर कंकालों की ढूंढखोज कर डीएनए लिया जा रहा है। नर कंकालों की ढूंढखोज को लेकर पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर 16 सितम्बर को पुलिस एवं एसडीआरफ की संयुक्त टीम को केदारनाथ धाम से रवाना करेंगे। नर कंकालों की ढूंढखोज को लेकर पुलिस अधीक्षक ने दस टीमें गठित की हैं। टीम में एक उप निरीक्षणए एसडीआरएफ के दो जवानए एक पुलिस कांस्टेबल शामिल रहेंगेए जबकि स्थानीय लोगों को गाइड रखा गया है।ये टीमें एक सप्ताह तक सर्च अभियान चलाती रहेंगी। केदारनाथ से सर्च अभियान को रवाना किया जायेगा। ये टीमें केदारनाथ से वासुकीतालए चैराबाड़ीए गरूड़चट्टीए त्रियुगीनारायणए कालीमठ.खाम.चैमासीए रामबाड़ाए जंगलचट्टीए भैरवनाथ मंदिरए गौरीकुण्ड.गौरीगांवए गौरीकुण्ड.मुनकटिया.सोनप्रयाग रूट पर सर्च अभियान चलाकर नर कंकालों की ढूंढखोज कर डीएनए लेगी।
पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने कहा कि केदारनाथ आपदा का शिकार हुए लोगों के नर कंकालों की ढूंढखोज को लेकर टीम बनाई गई है। दस टीमें दस ट्रेकिंग रूटों पर सर्च अभियान चलाएगी और नर कंकालों की ढूंढखोज कर उनका डीएनए लेगी। उन्होंने बताया कि सर्च टीम में स्थानीय लोगों को भी रखा गया हैए जो गाइड का काम करेंगे। स्थानीय लोगों को ट्रेकिंग रूटों की पूरी जानकारी रहती हैए जिससे रास्ता ढूंढने मंे कोई परेशानी नहीं होगी।