
Kejriwal’s Political drama: जिस दिल्ली में पानी की इतनी बड़ी समस्या है, उसके लिए दिल्ली का विशेष सत्र ना बुलाकर दिल्ली की आम आदमी सरकार ने एक ऐसे मुद्दे के लिए दिल्ली विधानसभा का सत्र बुलाया जोकि क्रिएट किया गया। चुंकि दिल्ली की आम आदमी पार्टी फिलहाल शराब घोटाले के फेर में फंस चुकी है, लिहाजा इस मुद्दे को छुपाने के लिए और जनता में भ्रम फैलाने के लिए केजरीवाल सरकार इस तरह के नए नए आरोप लगा रही है।
आम आदमी पार्टी के पास 62 सीटें
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से आप ने 62 और BJP ने महज 8 सीटें जीती थीं। दिल्ली में बहुमत का आंकड़ा 36 है। इस लिहाज से BJP को दिल्ली में सरकार बनाने के लिए और 28 सीटों की और जरूरत होगी। यानी उसे आम आदमी पार्टी के कम से कम 28 विधायकों को तोड़ना पड़ेगा, जो BJP के लिए लगभग असंभव है। साथ ही दिल्ली पूर्ण राज्य भी नहीं है, बीजेपी के पास एमसीडी भी है। ऐसे में वो क्यों आप को तोड़ना चाहेगी। केजरीवाल ने 25 अगस्त को दावा किया कि आप के 8 विधायक गायब हो गए हैं। उन्होंने BJP पर आप के विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया था, हालांकि इससे पहले भी वो बीजेपी पर इस तरह के आरोप कई बार लगा चुके हैं। इससे पहले तो जो आम आदमी पार्टी के लोग बीजेपी के व्यक्ति बनकर आप विधायकों को फोन करते थे, उनके खुद के कबुलनामे भी लोगों के सामने आ चुके हैं।
साथ ही आम आदमी पार्टी में फिलहाल शिवसेना जैसी कोई स्थिति भी नहीं है। भले ही केजरीवाल ये कह रहे हैं कि BJP की ओर से मनीष सिसोदिया को उनकी पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया गया था, लेकिन इसके ना तो कोई सबूत हैं और ना ही इसका कोई आधार है। इससे पहले भी बिना सबूतों के बहुत बार केजरीवाल और उनकी पार्टी वाले ऐसे आरोप लगा चुके हैं। महाराष्ट्र में सत्ता के उलटफेर के खेल में आखिरी मौके तक BJP कभी भी खुलकर सामने नहीं आई, वजह- वो अपने सिर सरकार गिराने की तोहमत लेना नहीं चाहती है। ठीक इसी तरह दिल्ली में BJP के सामने एक तरफ बदनामी का जोखिम है, तो दूसरी तरफ दिल्ली के केंद्र शासित प्रदेश होने की वजह से भी BJP का सीधे ना सही, लेकिन अपरोक्ष रुप से शासन है ही, एमसीडी भी उसके पास ही है, इसलिए वहां पाने के लिए बहुत कुछ नहीं है।
2019 में दिल्ली में केजरीवाल सरकार के बहुमत में होने के बावजूद ही कुछ महीने बाद हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने सभी 7 सीटें जीती थीं। इसी तरह 2014 के लोकसभा चुनावों में भी दिल्ली में सभी 7 सीटें BJP ने जीती थीं, जबकि उसके कुछ महीनों बाद हुए विधानसभा चुनावों में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने बहुमत हासिल किया था। यानी दिल्ली में केजरीवाल के सत्ता में होने के बावजूद 2024 के लोकसभा चुनावों में दिल्ली में BJP पर हार का खतरा कम है।