
इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है और आपके पास इसे फाइल करने के लिए सिर्फ एक हफ्ते का समय है। ऐसे में आपके लिए अन्य कार्यों को छोड़कर इस काम से निपटना बहुत जरूरी है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि तय तारीख तक इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने की वजह से आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
रिटर्न फाइल करके आप इनकम टैक्स देने वाले लोगों की श्रेणी में आते हैं। आयकर विभाग की ओर से आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि या अंतिम तिथि 31 जुलाई 2022 तय की गई है। इस तारीख तक करदाता वित्त वर्ष 2021-22 या आकलन वर्ष 2022-23 के लिए अपना रिटर्न दाखिल कर सकता है।
अंतिम तिथि का इंतजार न करें
आयकर विभाग (आईटीडी) भी लगातार करदाताओं से अपील कर रहा है कि आखिरी तारीख का इंतजार न करें और जल्द से जल्द इस महत्वपूर्ण काम को पूरा कराएं। नुकसान की बात करें तो आपको तय तारीख तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करने पर जुर्माना भरना पड़ सकता है। अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरेंगे तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से नोटिस आएगा। इसके बाद आपको टैक्स देना होगा, साथ ही जुर्माना भी भरना होगा।
5000 रुपये तक का जुर्माना
अब बात करते हैं तय तारीख तक आईटीआर फाइल नहीं करने पर जुर्माने की राशि की। अगर आपकी इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको 5,000 रुपये तक का जुर्माना भरना होगा। वहीं अगर आपकी कुल सालाना आय 5 लाख रुपये से कम है तो आपको 1,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है
1- लोन लेने में परेशानी होगी
कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान लोन लेने से पहले किसी व्यक्ति की आय पर विचार करता है। फिर आवेदक की वित्तीय क्षमता के अनुसार ऋण पारित किया जाता है। ऐसे में आपके द्वारा दाखिल किया गया इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) काफी उपयोगी हो सकता है, क्योंकि इससे आपकी आय की पुष्टि होती है। कई वित्तीय संस्थान हैं जो आपके आईटीआर में दर्ज जानकारी के आधार पर ही ऋण देते हैं। ऐसे में अगर आप आईटीआर नहीं भरते हैं तो आपको यहां परेशानी हो सकती है।
2- बड़ा बीमा कवर पाने में कठिनाई
बैंक से लोन के अलावा अगर आप अपने लिए 1 करोड़ रुपये तक का इंश्योरेंस कवर लेना चाहते हैं तो आईटीआर भी आपके लिए काफी मददगार है। इसकी वजह यह है कि कई इंश्योरेंस कंपनियां इंश्योरेंस कवर पाने के लिए आपसे आईटीआर मांगती हैं। बीमा कंपनियां वास्तव में आईटीआर के माध्यम से आपकी आय और आपकी नियमितता की जांच करती हैं और उस आधार पर अंतिम निर्णय लेती हैं। आईटीआर दिखाने में विफलता एक बड़ा बीमा कवर प्राप्त करने में समस्याओं का कारण बन सकती है।
3- व्यापार के विस्तार में आएंगी दिक्कत
अगर आप कोई भी बिजनेस करते हैं और उसका विस्तार करना चाहते हैं तो आईटीआर आपके लिए बहुत उपयोगी है। दरअसल सरकारी विभाग या बड़ी कंपनियां ज्यादातर उन कारोबारियों से उत्पाद खरीदना पसंद करती हैं जो कम से कम पिछले दो से तीन साल से आईटीआर भर रहे हैं। अगर आप आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आप भी इस लिस्ट में शामिल नहीं हो पाएंगे। यानी आपकी बिजनेस एक्सपैंशन प्लान में अड़चन आ सकती है।
4- म्यूचुअल फंड में बड़े निवेश पर रोक
इनकम टैक्स रिटर्न आईटीआर फाइल करने से आपको घर खरीदने और बेचने में मदद मिलती है, या बैंक में बड़ी रकम जमा करने के साथ-साथ म्यूचुअल फंड में निवेश करने में मदद मिलती है। अगर आप आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो म्यूचुअल फंड में बड़ी रकम निवेश करने से परेशानी हो सकती है और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिलने का खतरा बढ़ जाता है।
5-लोन लेने में हो सकी है दिक्कत
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के कई फायदे हैं और इसे भरने में लापरवाही बरतने के नुकसान नुकसान हैं। चाहे बैंक से लोन लेना हो, टीडीएस क्लेम करना हो, क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करना हो या फिर वीजा आवेदन की प्रक्रिया को आसान बनाना हो। आईटीआर आपके लिए उपयोगी है। इसके अलावा आप इसे आय और पहचान के प्रमाण के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।