
संसद का मानसून सत्र चल रहा है लेकिन संसद के अंदर विरानगी छाई हुई है। सांसद बचते बचाते सदन में आ रहे हैं। सदन के अंदर बाहर का जो जलवा होता था, ताम झा होता था और गरमा गरम माहौल होता था वह बिल्कुल गायब है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अमित शाह के बिना यह मानसून सत्र का पहला हफ्ता लगभग पूरा होने को आया है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत खराब है और वह अपने बेटेराहुल गांधी के साथ विदेश इलाज कराने गई हैं जबकि गृहमंत्री अमीषा इसमें इलाज कराने के बाद घर में आराम कर रहे हैं उन्हें पिछले दिनों को रोना हुआ था उसके बाद वह दो बार हस्पताल में भर्ती हो चुके हैं अभी वे घर में हैं।
सदन के अंदर और बाहर सांसद मास्क और गलव्स पहनकर आते हैं, बार-बार हाथों को सैनिटाइज करते हैं, सदन के अंदर भाषण भी बैठ कर देते हैं। उनकी सीट के आगे पॉलीमर शीट्स भी लगी है।
सदन के अंदर कुछ सांसद गैलरी में भी बैठते हैं पहले इन गैलरी में सांसदों के परिजन पत्रकार और दर्शक बैठते थे, अब बहुत कम पत्रकारों को सत्र कवर करने की इजाजत टेस्ट कराने कराने के बाद मिली है।
कई सांसद अपनी सीट से खड़े होकर बोलने या विरोध करने की कोशिश करते हैं तो लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला व राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू डांट कर बिठा देते हैं। यही नहीं कई सांसद अपने चेहरे से मास्क हटा कर बात करते हैं या फिर उनका मास्क नीचे हो जाता है तब भी दोनों सदनों के अध्यक्ष उनको टोक कर मास्क ठीक करने को बोलते हैं।
इस महामारी के संकट के बीच एक चीज जस की तस है जो बदली नहीं वह है सांसदों की बदजुबानी। सोमवार से शुरू सत्र में अभी तक सरकार और विपक्ष के बीच कई बार नोकझोंक तो हुई है, साथ ही एक दूसरे के खिलाफ गाली गलौज जैसी नौबत भी आ गई है। यहां तक की मंत्री भी ऐसा करने से बाज नहीं आ रहे हैं महामारी के संकट में भी सांसद और मंत्री सुधर नहीं रहे हैं और आपस में लड़ने झगड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ते।